Edited By shukdev,Updated: 20 Mar, 2019 08:11 PM
न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में हुए आतंकवादी हमले के श्वेत वर्चस्ववादी आरोपी ब्रेंटन टैरेंट को दोषी करार दिए जाने पर उसे अपनी बाकी जिंदगी जेल में गुजारनी पड़ेगी और उसकी सुरक्षा के मद्देनजर उसे जेल में सबसे अलग-थलग रखा जा सकता है। कैंटरबरी यूनिर्विसटी...
क्राइस्टचर्च: न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में हुए आतंकवादी हमले के श्वेत वर्चस्ववादी आरोपी ब्रेंटन टैरेंट को दोषी करार दिए जाने पर उसे अपनी बाकी जिंदगी जेल में गुजारनी पड़ेगी और उसकी सुरक्षा के मद्देनजर उसे जेल में सबसे अलग-थलग रखा जा सकता है। कैंटरबरी यूनिर्विसटी में अपराध-शास्त्र के प्रोफेसर ग्रेग न्यूबोल्ड ने बुधवार को यह जानकारी दी।
पिछले शुक्रवार को क्राइस्टचर्च की दो मस्जिदों पर हुए हमले में 50 मुस्लिम नमाजी मारे गए। इस घटना की दुनिया भर में निंदा हुई। न्यूबोल्ड ने कहा,‘वह जेल में बेहद अलोकप्रिय होगा, जहां 80 फीसदी कैदी माओरी या पैरिफिका (पैसिफिक द्वीप पर रहने वाले) हैं और वह एक श्वेत वर्चस्ववादी है।’ उन्होंने कहा, ‘कोई उसका दोस्त नहीं होगा, श्वेत लोग भी नहीं।’
गौरतलब है कि न्यूबोल्ड खुद मादक पदार्थों के मामले में जेल में पांच साल गुजार चुके हैं। उन्होंने इसकी आधी से ज्यादा अवधि अधिकतम सुरक्षा में गुजारी थी। जेल से बाहर आने के बाद उनकी जिंदगी में बड़ा बदलाव आया। न्यूजीलैंड में मृत्युदंड का प्रावधान नहीं है और कथित हमलावर टैरेंट (28) यदि जनसंहार का दोषी करार दे दिया जाता है तो उसे जेल की रिकॉर्ड सजा का सामना करना पड़ सकता है। फौजदारी मामलों के वकील साइमन कलेन ने एएफपी को बताया कि दोषी करार दिए जाने पर उसे पैरोल के बगैर उम्रकैद हो सकती है। ऐसी सजा न्यूजीलैंड में ‘अभूतपूर्व’ होगी।