चीन में 'काली मौत' का बढ़ा खतरा, इनर मंगोलिया में सभी पर्यटन स्थल किए गए बंद

Edited By Tanuja,Updated: 08 Jul, 2020 04:45 PM

bubonic plague china closes tourist spots in inner mongolia

कोरोना वायरस महामारी के बीच चीन में नई बीमारी का खतरा बढ़ता जा रहा है। यहां ब्यूबोनिक प्लेग के मामले के बाद लोग खौफजदा हैं। ''काली...

इंटरनेशनल डेस्कः कोरोना वायरस महामारी के बीच चीन में नई बीमारी का खतरा बढ़ता जा रहा है। यहां ब्यूबोनिक प्लेग के मामले के बाद लोग खौफजदा हैं। 'काली मौत' के नाम से जाना जाता यह ब्यूबोनिक प्लेग चूहों से फैलता है। चीन के इनर मंगोलिया में इसका मामला सामने आने के बाद चेतावनी जारी की गई है और पर्यटन स्थलों को बंद कर दिया गया है। । जानकारी के मुताबिक, नवम्बर 2019 में इसके 4 मामले सामने आए थे जिसमें प्लेग के 2 खतरनाक स्ट्रेन मिले थे। इसे न्यूमोनिक प्लेग कहा गया था। गुजरात के सूरत में सितंबर 1994 में इसी तरह का प्लेग फैला था।

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माना जाता है कि उन्नीसवीं सदी में यही प्लेग चीन के यून्नान प्रांत से दुनियाभर में फैला था। 1894 के दौरान यून्नान के अफीम के व्यापार केंद्रों से यह प्लेग दुनिया में फैला था। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, 2010 से 2015 के बीच दुनियाभर में प्लेग के 3,248 मामले सामने आए और 584 मौते हुईं। चीन में प्लेग का मामला सामने आने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। WHO की प्रवक्ता मार्गेट हेरिस ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान बताया, चीन और मंगोलिया प्रशासन के साथ लगातार इस पर नजर रखी जा रही है। सावधानी बरतते हुए मॉनिटरिंग की जा रही है और पैनिक जैसी कोई बात नहीं है।

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जाने क्या है ब्यूबोनिक प्लेग और कैसे फैलता है ?

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, यह एक संक्रामक बीमारी है जो येरसीनिया पेस्टिस नाम के बैक्टीरिया से फैलता है।
  • यह बैक्टीरिया चूहे के शरीर में चिपके परजीवी पिस्सू में पाया जाता है। संक्रमण ज्यादा हो जाए तो ये बीमारी जानलेवा हो जाती है।
  • प्लेग दो तरह का होता है - न्यूमोनिक और ब्यूबोनिक।
  • सामान्य तौर पर होने वाले प्लेग को ब्यूबोनिक प्लेग कहते हैं, लेकिन जब इसका बैक्टीरिया फेफड़ों तक पहुंचता है तो हालत गंभीर हो जाती है, इस स्थिति को न्यूमोनिक प्लेग कहा जाता है।
  • WHO के मुताबिक, चूहों के शरीर पर पलने वाले कीटाणुओं की वजह से प्लेग की बीमारी फैलती है।
  • चूहों के आसपास होने पर संक्रमण का खतरा बढ़ता है।
  • प्लेग के मरीज की सांस और थूक के के संपर्क में आने वाले लोगों में भी प्लेग के बैक्टीरिया का संक्रमण हो सकता है।
  • शरीर में पहुंचने के बाद येरसीनिया पेस्टिस बैक्टीरिया शरीर में लिम्फेटिक सिस्टम में रहता है और यहां अपनी संख्या को बढ़ाता है।
  • लिम्फ नोड में सूजन और दर्द होता है, इस स्थिति को ब्यूबो कहते हैं।

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