Edited By Isha,Updated: 07 Apr, 2018 06:01 PM
बीजिंग में अंग्रेजी में लगे साइन बोर्ड और पोस्टर्स भी दूसरे देशों से आने वाले लोगों की मदद नहीं कर पा रहे हैं। इसमें बजाय उन्हें गफलत ज्यादा हो रही है। क्योंकि बीजिंग में अंग्रेजी इतनी गलत होती है कि उसे समझना चुनौतीभरा होता है। अब बीजिंग ने...
बीजिंगः बीजिंग में अंग्रेजी में लगे साइन बोर्ड और पोस्टर्स भी दूसरे देशों से आने वाले लोगों की मदद नहीं कर पा रहे हैं। इसमें बजाय उन्हें गफलत ज्यादा हो रही है। क्योंकि बीजिंग में अंग्रेजी इतनी गलत होती है कि उसे समझना चुनौतीभरा होता है। अब बीजिंग ने पोस्टर्स और साइनबोर्ड की अंग्रेजी दुरुस्त करने का बीड़ा उठाया है।
बीजिंग ने तय किया है कि यहां अंतरराष्ट्रीय भाषा का वातावरण हो ताकि दूसरे देशों से आने वाले नागरिक साइन बोर्ड समझ सकें। चीन बीजिंग को अंतरराष्ट्रीय शहर का दर्जा दिलवाने के प्रयास में है। पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार यहां भाषा सुधार का काम शुरू हो गया है। यह कैंपेन सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट्स (सीबीडी) और जिंगरोंगजे एरिया में चलाया जाएगा। इन दोनों जगह पर मल्टीनेशनल कंपनियां और रिसर्च इंस्टीट्यूट की संख्या ज्यादा है। यहां पर विदेशी नागरिक रहते हैं इसलिए सबसे पहले यहां पर सही अंग्रेजी लिखने का काम किया जा रहा है।
इसके लिए बाकायदा एक टीम गठित की गई है जो बताएगी कि कहां-कहां गलत अंग्रेजी के साइन बोर्ड लगे हुए हैं। शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के हवाले से कहा गया है कि इसके लिए आम जनता और मीडिया के सुझाव का भी स्वागत है। कोई भी व्यक्ति अपने सुझाव दे सकता है और बता सकता है कि सुधार की कहां गुंजाइश है। इस कैंपेन का उद्देश्य राजधानी की अंतरराष्ट्रीय छवि निर्मित करने के साथ-साथ 2022 में होने वाले विंटर ओलंपिक्स की मेजबानी की तैयारी भी है।
चीन की राजधानी में पहले सिर्फ मंदारिन में साइन बोर्ड हुआ करते थे। लेकिन 2008 में हुए ओलंपिक खेलों के समय से सड़कों, मेट्रो और बस स्टैंड के साथ कुछ और जगहों पर अंग्रेजी में साइनबोर्ड दिखने लगे हैं। लेकिन ज्यादातर जगहों पर गलत अंग्रेजी का प्रयोग हुआ है। इसके साथ ही चायना के ज्यादातर स्कूलों में अंग्रेजी ने विषय के रूप में अपनी जगह बना ली है। चीन के माता-पिता भी प्रयास कर रहे हैं कि वे बच्चों को अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पढ़ाएं ताकि बड़े होकर वे विदेश पढ़ने जा सकें।