Edited By Pardeep,Updated: 03 Aug, 2020 11:15 PM
हांगकांग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून अमल में आने के बाद विधान परिषद चुनाव स्थगित करने के फैसले पर अमेरिका ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा इस चुनाव के स्थगन के पीछे बीजिंग का हाथ है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी
वाशिंगटनः कोरोना वायरस को लेकर एक तरफ अमेरिका का रूख चीन के प्रति लगातार आक्रमक होता जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ हांगकांग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून अमल में आने के बाद विधान परिषद चुनाव स्थगित करने के फैसले पर अमेरिका ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा इस चुनाव के स्थगन के पीछे बीजिंग का हाथ है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी हांगकांग में लोकतंत्र की हत्या करना चाहती है। वह प्रत्याशियों पर अनावश्वक दमनात्मक कार्रवाई कर रही है।
बता दें कि हांगकांग की मुख्य कार्यकारी कैरी लैम ने शुक्रवार को कहा कि 6 सितंबर को होने वाला विधान परिषद चुनाव कोरोना महामारी के कारण टाल दिया गया है। इस पर पोम्पिओ ने कहा कि इस चुनाव के स्थगन के पीछे कोरोना कतई कारण नहीं है। उन्होंने इसके लिए चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को दोषी माना है। इसकी देरी के पीछे चीन का हाथ है। पोम्पिओ ने कहा कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी हांगकांग में लोकतंत्र की हत्या करना चाहती है। यह उसकी सोची समझी रणनीति का हिस्सा है। पोम्पिओ ने जोर देकर कहा कि हांगकांग के स्वतंत्रता प्रेमियों की इच्छाओं का चीनी सरकार दमन कर रही है। चुनाव में खड़े लोकतंत्र समर्थकों का उत्पीड़न किया जा रहा है।
दुनिया के खतरनाक है राष्ट्रीय सुरक्षा कानून
अमेरिकी विदेश मंत्री ने जोर देकर कहा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से न केवल हांगकांग को बल्कि दुनिया को खतरा है। बीजिंग ने चीन से बाहर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का विस्तार किया है। उन्होंने कहा चीनी कम्युनिस्ट पार्टी दुनिया भर इस कानून को लागू करना चाहती है। विदेश मंत्री ने कहा कि उनके राष्ट्रीय सुरक्षा कानून में विचित्र प्रावधान है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा कानून हांगकांग की आजादी के लिए खतरनाक है।
अगर आपने आजादी की मांग की तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के खिलाफ है, चीन कम्युनिस्ट पार्टी को खतरे में डाल सकती है। इसके पूर्व एक बयान में पोम्पिओ ने विधान परिषद चुनाव स्थगित करने के हांगकांग के प्रशासन के कदम की निंदा की थी। उन्होंने हांगकांग सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया था। पाम्पिओ ने कहा था कि चुनावों को यथासंभव 6 सितंबर की तारीख के करीब होना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा था कि यह हांगकांग के लोगों की इच्छा और आकांक्षाओं को दर्शाता है।