NSG में भारत की एंट्री पर चीन ने फिर लगाया अडंग़ा

Edited By shukdev,Updated: 21 Jun, 2019 05:50 PM

china again imposed entry on india s entry in nsg

चीन परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी)में भारत के प्रवेश लिए अभी भी तैयार नहीं हो रहा है। चीन ने शुक्रवार को कहा कि  गैर-एनपीटी सदस्यों के लिए विशेष योजना बनाए जाने से पहले भारत को इस एलीट ग्रुप में शामिल करने को लेकर कोई चर्चा नहीं ....

बीजिंग: चीन परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी)में भारत के प्रवेश लिए अभी भी तैयार नहीं हो रहा है। चीन ने शुक्रवार को कहा कि  गैर-एनपीटी सदस्यों के लिए विशेष योजना बनाए जाने से पहले भारत को इस एलीट ग्रुप में शामिल करने को लेकर कोई चर्चा नहीं होगी। चीन ने सदस्य देशों के बीच आम सहमति बनाने को लेकर टाइमलाइन देने से भी मना कर दिया है। गौरतलब है कि कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में 20-21 जून को एनएसजी की पूर्ण बैठक हो रही है।

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मई 2016 में एनएसजी की सदस्यता के लिए भारत के अर्जी देने के बाद से चीन इस बात पर जोर देता रहा है कि परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर करने वाले देशों को ही एनएसजी में प्रवेश की इजाजत दी जानी चाहिए। एनएसजी में 48 सदस्य देश हैं। यह वैश्विक परमाणु कारोबार का नियमन करता है। भारत और पाकिस्तान ने एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं किया है। हालांकि, भारत के अर्जी देने पर 2016 में पाकिस्तान ने भी एनएसजी की सदस्यता की अर्जी लगा दी।

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एनएसजी में भारत के प्रवेश पर चीन के रुख में कोई बदलाव होने से जुड़े सवालों पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने  मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि जिन देशों ने एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं किया है, उन्हें किसी विशेष योजना तक पहुंचे बगैर एनएसजी में शामिल करने पर कोई चर्चा नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा, इसलिए भारत को शामिल किए जाने पर कोई चर्चा नहीं होगी।

लु ने यह भी कहा कि चीन एनएसजी में भारत के प्रवेश को नहीं रोक रहा है और यह दोहराया कि बीजिंग का यह रुख है कि एनएसजी के नियम एवं प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए। कजाकिस्तान के अस्ताना में 20-21 जून को एनएसजी की पूर्ण बैठक हो रही है। लु ने कहा जहां तक मैं जानता हूं यह पूर्ण बैठक हो रही है और एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं करने वाले देशों की भागीदारी तथा उससे जुड़े राजनीतिक एवं कानूनी मुद्दों पर चर्चा होगी।

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उन्होंने कहा कि किसी विशेष योजना तक पहुंचने से पहले, एनएसजी एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं करने वाले देशों की भागीदारी पर चर्चा नहीं करेगी। इसलिए, भारत की भागीदारी पर कोई चर्चा नहीं होगी। भारत के इस बात का जिक्र करने पर कि एनएसजी के बहुसंख्यक सदस्य देश उसके प्रवेश का समर्थन कर रहे हैं जबकि चीन इसमें अड़ंगा डाल रहा है, इस पर लु ने कहा, मैं भारत के लिए यह नहीं कह सकता कि चीन उसकी राह में अड़ंगा डाल रहा है।

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लेकिन मैं अवश्य ही यह कहूंगा कि कुछ खास नियम प्रक्रिया हैं तथा सभी सदस्यों को अवश्य ही उनका पालन करना चाहिए। साथ ही, फैसला आम राय पर आधारित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत या किसी अन्य देश का प्रवेश(एनएसजी में), मेरा मानना है कि इस पर चर्चा करना एनएसजी का अंदरूनी विषय है। उन्होंने कहा कि आम राय बनने में वक्त लग सकता है लेकिन यह अवश्य ही आम राय से होना चाहिए। 

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