Edited By Tanuja,Updated: 13 Mar, 2019 01:50 PM
चीन और पाकिस्तान संयुक्त रूप से निर्मित अपने लड़ाकू विमान जेएफ - 17 थंडर को अपग्रेड करेंगे। दरअसल दोनों देश इसकी युद्धक क्षमता को बढ़ाना चाहते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे भारत जैसे मजबूत विरोधियों से पाक अपनी रक्षा कर सकेगा...
बीजिंग/पेशावरः चीन और पाकिस्तान संयुक्त रूप से निर्मित अपने लड़ाकू विमान जेएफ - 17 थंडर को अपग्रेड करेंगे। दरअसल दोनों देश इसकी युद्धक क्षमता को बढ़ाना चाहते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे भारत जैसे मजबूत विरोधियों से पाक अपनी रक्षा कर सकेगा। चीन-पाकिस्तान द्वारा संयुक्त रूप से निर्मित विमान के मुख्य डिजाइनर एवं चीनी सांसद यांग वेई ने कहा कि जेएफ - 17 ब्लॉक 3 का उत्पादन जारी है।
पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया है कि जेएफ - 17 विमान का इस्तेमाल 27 फरवरी को नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार किए गए हमले में किया गया था। वहीं, भारतीय वायुसेना ने कहा था कि उसने इस हमले के दौरान अमेरिका निर्मित एफ-16 को मार गिराया। ग्लोबल टाइम्स की खबर के मुताबिक जेएफ-17 को अपग्रेड करने का लक्ष्य इस लड़ाकू विमान की ‘इनफोरमेटाइज वारफेयर’ (आईडब्ल्यू) क्षमता को बढ़ाना है।
गौरतलब है कि आईडब्ल्यू एक ऐसी अवधारणा है,जिसमें शत्रु पर बढ़त हासिल करने के लिए सूचना एवं प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाता है। चीनी सेना अक्सर ही आईडब्ल्यू का इस्तेमाल करती है। आधुनिक युद्धों में इसके तहत सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाता है। जेएफ-17 को पहले एफसी-1 के नाम से जाना जाता था। ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक जेएफ-17 अभी भारत के तेजस और दक्षिण कोरिया के एफए-50 से प्रतिस्पर्धा कर रहा है।