Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Aug, 2017 01:01 PM
भारत चीन विवाद के चलते चीन के हर कदम को शक की नजर से देखा जा रहा है...
बीजिंगः भारत चीन विवाद के चलते चीन के हर कदम को शक की नजर से देखा जा रहा है। एक तरफ तो ची न भारत से जंग के मूड में है और दूसरी तरफ भारत के सबसे नजदीकी पड़ोसी नेपाल से प्यार जता रहा है । नेपाल पिछले तीन दशकों की सबसे भयानक बाढ़ से जूझ रहा है। अभी हाल ही में आई बाढ़ से यहां मरने वालों की संख्या 115 हो गई। 15 अगस्त को चीन ने नेपाल की मदद के लिए 10 लाख डॉलर 6.4 करोड़ रुपए दिए हैं। चीनी उप-राष्ट्रपति वांग यांग ने पीड़ितों को “तत्काल राहत” पहुंचाने के लिए दिए ।
इसके अवावा चीन ने नेपाल के साथ कई अरब डॉलर का समझौता भी किया है जिससे दोनों देशों के आपसी रिश्ते पहले से मजबूत होंगे। नेपाल और चीन के बीच तीन अलग-अलग समझौते हुए हैं जिनमें पेट्रोलियम, गैस और खदान क्षेत्र के लिए2 अरब डॉलर की परियोजनाओं, 2015 के भूकंप में क्षतिग्रस्त हो गए आरनिको राजमार्ग के पुनर्निमाण और केरूंग-रासुवागार्ही रोड के निर्माण के लिए 15 अरब डॉलर की परियोजना पर समझौते शामिल हैं। इस सबसे लगता है कि चीन फिर दोहरी चाल खेल रहा है।
चीन और नेपाल के बीच भविष्य में निवेश को बढ़ावा देने पर भी सहमति बनी है। चीन ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए नुकसान के आकलन का भी इंतजार नहीं किया। उप-राष्ट्रपति वांग ने नेपाल के पूर्व शाही महल के निर्माण का उद्घाटन किया। शाही महल भी भूकंप में क्षतिग्रस्त हो गया था। भूकंप के दो साल बाद चीन ने इस शाही महल की मरम्मत के लिए आर्थिक मदद दी थी। वांग ने नेपाले के पूर्व प्रधानमंत्रियों केपी ओली और पुष्प कमल दहल “प्रचंड” से भी मु