Edited By Tanuja,Updated: 12 Apr, 2021 11:29 AM
विश्व के 50 से अधिक विशेषज्ञों द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि चीन ने शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों के खिलाफ...
वाशिंगटन: विश्व के 50 से अधिक विशेषज्ञों द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि चीन ने शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों के खिलाफ कार्रवाई के दौरान नरसंहार पर संयुक्त राष्ट्र के समझौते के सभी प्रविधानों का उल्लंघन किया है। न्यूलाइंस इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रेटजी एंड पॉलिसी थिंक टैंक द्वारा गत सप्ताह की शुरुआत में जारी इस रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि उइगरों के नरसंहार के लिए चीन जिम्मेदार है।
यह पहली बार है जब किसी गैर सरकारी संगठन ने शिनजियांग में हो रहे नरसंहार के आरोपों का स्वतंत्र विश्लेषण किया पता लगाने की कोशिश की है कि क्या बीजिंग को इन अपराधों के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। बता दें कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में कनवेंशन ऑन द प्रिवेंशन एंड पनिशमेंट ऑफ द क्राइम ऑफ जेनोसाइड का मसौदा नौ दिसंबर, 1948 को प्रस्तुत किया गया था। रिपोर्ट में उइगर मुस्लिमों को बड़े पैमाने पर हिरासत शिविरों में भेजने, उनकी धार्मिक गतिविधियों में दखल देने और समुदाय के सदस्यों को सत्तारूढ़ दल के अनुसार ढालने की कड़ी आलोचना की गई है। पिछले महीने बाइडेन प्रशासन ने शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों और दूसरे अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ चीन द्वारा की जाने वाली कार्रवाई को नरसंहार बताय था।
फरवरी में कनाडा के हाउस ऑफ कामंस ने उइगर अल्पसंख्यकों के खिलाफ चीन की कार्रवाई को नरसंहार बताने वाला एक प्रस्ताव पारित किया था। नीदरलैंड की संसद ने भी एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें कहा गया था कि उइगर अल्पसंख्यकों के खिलाफ चीन की कार्रवाई एक नरसंहार है। नीदरलैंड ऐसा कदम उठाने वाला पहला यूरोपीय देश है। हालांकि बीजिंग की बात करें वह उइगर मुस्लिमों के खिलाफ किसी भी प्रकार के मानवाधिकार हनन की बात से इन्कार करता है।