Edited By ,Updated: 28 Mar, 2017 03:49 PM
साउथ चाइना सी पर अधिकार जमाने वाले चीन की नापाक हरकतें जारी हैं...
बीजिंग/वॉशिंगटनः साउथ चाइना सी पर अधिकार जमाने वाले चीन की नापाक हरकतें जारी हैं। जहां एक ओर अमरीका ने यहां पर गश्त बढ़ा दी है वहीं दूसरी ओर चीन भी जंग की पूरी तैयारी में जुटा हुआ है। चीन को इस बात का डर सता रहा है कि कहीं उसका कोई विरोधी उसके साथ गेम न कर दे। इसलिए वो अपनी ताकत दिखाने के लिए साउथ चाइना सी में जंगी बेड़ों के अलावा वार प्लेन्स की भी तैनाती कर सकता है। अमरीका के एशिया मैरीटाइम ट्रांसपेरेंसी इनिशिएटिव यानी AMTI ने एक रिपोर्ट तैयार की है। ये रिपोर्ट AMTI वाशिंगटन के सैंटर फार स्ट्रैटजिक एंड इंटरनैशनल स्टडीज ने बनाई है। इस रिपोर्ट में दावा किया है कि चीन ने दक्षिण सागर पर कई जंग के कई साजो समान जुटा लिए हैं।
रिपेार्ट में कहा गया है कि चीन ने साउथ चाइना सी के स्प्रेटलिस आइलैंड्स के सुबी, मिसचीफ रीफ्स और फियरी क्रॉस पर नेवल और राडान स्थापित कर लिए हैं। इन जगहों पर चीन ने सारी डिफेंस फैसिलिटीज मुहैया करा रखी है। सैटेलाइट इमेज से पता चला है कि चीन ने यहां पर राडार एंटीना लगाए हैं जिससे साफ है कि चीन भविष्य में अपने आर्टिफिशियल आइलैंड्स पर वॉर प्लेन भी उतार सकता है। अभी पिछले हफ्ते की ही बात होगी जब चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग ने कहा था कि साउथ चाइना सी के विवादित आइलैंड्स पर डिफेंस इक्यूपमेंट्स भेजना का मतलब ये है कि हम इलाके में नेविगेशन की आजादी को बरकरार रखना चाहते हैं। अमेरिका की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन ने यहां पर तीन एयरबेस बनाए हैं।
AMTI की रिपोर्ट के मुताबिक चीन दक्षिण सागर पर कब्जे के लिए अपने एयरक्राफ्ट कहीं भी उतार सकता है। इसके अलावा जमीन से हवा में मार करने वाली HQ-9 मिसाइलों को भी तैनात किया गया है। इन मिसाइलों की तैनाती काफी पहले की ही कर दी गई थी। इतना ही नहीं यहां के आर्टिफिशियल आइलैंडस पर एंटी क्रूज मिसाइलों को भी तैनात किया गया है ताकि किसी भी तरह के हमले की सूरत में दुश्मन को करारा जवाब दिया जा सके। हालांकि चीन जंग से इस बात पर जोर दे रहा है कि दक्षिण सागर की ओर नजर करने वाले पहले उसकी ताकत को देख लें। शायद यही वजह है कि साउथ चाइना सी को लेकर अमरीका और चीन के बीच तल्खी लगातार बढ़ती ही जा रही है।
ऐसे में कहा जा रहा है कि चीन को ये तानाशाही रवैया भारी पड़ सकता है। चीन का कहना है कि अमेरिका इस मामले में पार्टी नहीं है इसलिए उसे इस विवाद से दूर रहना चाहिए। वहीं अमेरिका का कहना है कि साउथ चाइना सी में जो आइलैंड्स हैं उस पर पूरी दुनिया का हक है। कोई एक देश इस पर कब्जा नहीं कर सकता है और ना ही चीन यहां पर धौंस दिखा सकता है। अमेरिका भी चीन को कड़े शब्दों में संदेश दे चुका है कि वो इस मामले में अंतरराष्ट्रीय हितों की रक्षा करेगा। दरसअल, इस मामले में अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट का फैसला भी आ चुका है। जो चीन के खिलाफ गया है। लेकिन, चीन अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट के उस फैसले को भी मानने को तैयार नहीं है। वो दक्षिण सागर पर लगातार अपनी दादागिरी दिखा रहा है। जो आने वाले वक्त में उसे भारी पड़ सकती है।