Edited By Tanuja,Updated: 04 Mar, 2021 01:44 PM
चीन में एक ब्लॉगर को भारत के साथ झड़प में मारे गए चीनी सैनिकों के संबंध में पोस्ट करना भारी पड़ गया। इसके बाद शी चिनफिंग सरकार ने ब्लॉगर पर सैनिकों को बदनाम करने और समाज पर...
बीजिंग: चीन में एक ब्लॉगर को भारत के साथ झड़प में मारे गए चीनी सैनिकों के संबंध में पोस्ट करना भारी पड़ गया। इसके बाद शी चिनफिंग सरकार ने ब्लॉगर पर सैनिकों को बदनाम करने और समाज पर नकारात्मक प्रभाव डालने का आरोप लगाया है। दरअसल, चीन की कम्युनिस्ट सरकार लंबे समय से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दमन करती आ रही है।
इसका ताजा उदाहरण उस समय देखने को मिला जब जिमिंग जिसके ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म वीबो पर 25 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं को गलवन घाटी संघर्ष से जुड़े दो पोस्ट करने का खमियाजा भुगतना पड़ा। जिमिंग ने अपनी पोस्ट में गलवान में संघर्ष के दौरान मौके पर मौजूद सबसे उच्च अधिकारी के बचने को लेकर जहां उन्होंने सवालिया निशाना उठाया था, वहीं यह भी कहा था कि हो सकता है कि इस संघर्ष में और भी सैनिक मारे गए हों।
पूर्वी चीनी शहर नानजिंग में पुलिस ने की जिमिंग को पिछले महीने हिरासत में लिया था। इस दौरान नानजिंग ब्यूरो ऑफ पब्लिक सिक्योरिटी ने कहा कि उन्हें झूठी सूचना पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। चीनी कम्युनिस्ट सरकार पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दमन करने का आरोप लगता रहा है। पिछले कुछ सालों में ऐसे भी मामले सामने आए हैं कि सरकार की आलोचना करने वाले लोग अचानक गायब हो जाते हैं। उनकी कोई खोज-खबर नहीं मिलती।
बता दें कि अभी हाल ही में चीन ने आधिकारिक रूप से स्वीकार किया था कि गलवन घाटी संघर्ष के दौरान उसके चार सैनिक मारे गए थे। हालांकि रूसी समाचार एजेंसी ने 45 से अधिक चीनी सैनिकों के मारे जाने की बात कही है। जून 2020 में गलवन घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प के बाद एलएसी पर जबरदस्त तनाव देखने को मिला था। दोनों ही तरफ से सीमा पर सेना का जमावड़ा बढ़ाया गया था।