Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Feb, 2018 10:34 AM
अमरीकी रक्षा मंत्रालय के हैडक्वॉर्टर पेंटागन द्वार जारी एक रिपोर्ट में चीन के खतरनाक इरादों का खुलासा हुआ है। दक्षिण चीन सागर (हिंद-प्रशांत क्षेत्र ) में चीन की विस्तारवादी नीति किसी से छिपी नहीं है।
वॉशिंगटनः अमरीकी रक्षा मंत्रालय के हैडक्वॉर्टर पेंटागन द्वार जारी एक रिपोर्ट में चीन के खतरनाक इरादों का खुलासा हुआ है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की विस्तारवादी नीति किसी से छिपी नहीं है। वन बेल्ट,वन रोड के जरिए चीन अपनी पहुंच पूरब से लेकर पश्चिम तक बढ़ाना चाहता है। इसके साथ ही चीन भारत के पड़ोसी देशों में अपनी दखल को बढ़ाकर दबाव बनाने की कोशिश में है।
पेंटागन का स्पष्ट मानना है कि विस्तारवादी नीति को आगे बढ़ाने के लिए चीन अनैतिक तरीके से आगे बढ़ रहा है। भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन एक अलग तरह की व्यवस्था का निर्माण कर रहा है जिसपर गंभीरता से सोचने की जरूरत है। चीन और रूस को लेकर पेंटागन की सोच को जानने और समझने के साथ ही भारत के लिए इसके मायने हैं । पेंटागन का कहना है कि चीन अब रणनीतिक प्रतिस्पर्धी बन चुका है जो अपने शिकारी अर्थशास्त्र के जरिए पड़ोसियों को धमका कर अपने सीमा को विस्तार देने की कोशिश कर रहा है। चीन और रूस ने अमरीका के तकनीकी लाभों को कम कर दिया है।
भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन लगातार बलपूर्वक अपने पड़ोसी देशों को धमका रहा है। एक अक्तूबर को शूरू होने वाले वित्तीय वर्ष 2019 के बजट प्रस्तावों से पहले पेंटागन ने अमरीकी कांग्रेस को जानकारी दी। ट्रंप प्रशासन ने वित्तीय वर्ष 2019 के लिए बजट प्रस्तावों को रिलीज किया। वित्तीय वर्ष, कैलेंडर ईयर से अलग होता है। अमरीका में वित्तीय वर्ष की शुरुआत अक्तूबर से लेकर सितंबर तक होती है।
पेंटागन का कहना है कि चीन अपने आर्थिक सैन्य तैयारियों के जरिए अपनी शक्ति को विस्तार देने में जुटा हुआ है। चीन एक तरफ भारत-प्रशांत महासागर क्षेत्र में सैन्य आधुनिकीकरण के जरिए क्षेत्रीय स्तर पर दादागीरी पर उतर चुका है। वैश्विक स्तर पर अमरीका के प्रभाव को किसी भी तरीके से बढ़ने से रोकना ही चीन का एकमात्र लक्ष्य है।