चीन ने पूर्वी-दक्षिण सागर में की घुसपैठ, विवादित क्षेत्रों में खतरनाक फाइटर जेट किए तैनात

Edited By Tanuja,Updated: 18 Apr, 2022 05:22 PM

china deployed its most dangerous fighter jet j 20 in disputed area

एक तरफ रूस-यूक्रेन युद्ध से दुनिया टेंशन में है और दूसरी तरफ अपनी महत्वकांशओं को पूरा करने के लिए चीन लगातार आक्रमक रुख अपना...

इंटरनेशनल डेस्कः एक तरफ रूस-यूक्रेन युद्ध से दुनिया टेंशन में है और दूसरी तरफ अपनी महत्वकांशओं को पूरा करने के लिए चीन लगातार आक्रमक रुख अपना रहा है। अपने सपनों को पूरा करने के लिए चीन अपनी सेना को मजबूत कर रहा  है  और इसने अपने सबसे खतरनाक फाइटर जेट J-20 को पूर्वी-दक्षिण सागर में उतार दिया है। चीन के J-20 विमान ईस्ट चाइना सी और साउथ चाइना सी में पेट्रोलिंग कर रहा है। 

 

 रूस-यूक्रेन युद्ध  के बीच चीन भी अपनी सैन्य ताकत को दिखाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है। दरअसल, चीन ने विवादित क्षेत्रों में अपना नियंत्रण बढ़ाने के लिए अपने सबसे उन्नत लड़ाकू विमानों को भेजना शुरू कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने अपने सबसे उन्नत लड़ाकू विमान जे-20 को पूर्वी और दक्षिण चीन सागर में गश्त करने के लिए भेजना शुरू कर दिया है। हालांकि चीन के लिए यह कोई नया कदम नहीं है। पिछले महीने यूएस इंडो-पैसिफिक कमांडर एडमिरल जान एक्विलिनो ने कहा था कि चीन ने दक्षिण चीन सागर में अपने द्वारा बनाए गए कई कृत्रिम द्वीपों में से कम से कम तीन का पूरी तरह से सैन्यीकरण कर दिया है।

 

चीन का मकसद इन दीपों को जहाज-रोधी और विमान-रोधी मिसाइल प्रणालियों, लेजर और जैमिंग उपकरणों के साथ-साथ लड़ाकू विमानों से लैस करना है। यूएस थिंक टैंक सेंटर फार स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज (CSIS) के ग्रेगरी पोलिंग ने कहा कि सैन्यीकरण सबसे ज्यादा मायने रखता है, क्योंकि यह चीन को कुछ भी करने के लिए अधिकृत करता है जब देश युद्ध में नहीं होता है।  एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार  चीन अब अपनी नौसेना को नियमित रूप से दक्षिण चीन सागर में तैनात कर रहा है। जिस पर छह पड़ोसी देशों द्वारा पूर्ण या आंशिक रूप से क्षेत्रीय दावा किया जाता रहा है।

 

चीन का तट रक्षक अपनी दर्जन भर नौकाओं को वेंगार्ड बैंक, सेकेंड थामस शोल, ल्यूकोनिया शोल्स और स्कारबोरो शोल में हर दिन गश्त पर रहता है। लगभग 300 चीनी सैन्य जहाज साल के प्रत्येक दिन स्प्रैटली द्वीप समूह में पाए जाते हैं। यह केवल इसलिए संभव हो पाया है क्योंकि जहाज द्वीपों के व्यापक समूह को अपने आगे के संचालन आधार के रूप में उपयोग कर सकते हैं। जिसके परिणाम वियतनाम, मलेशिया और फिलीपींस पर दक्षिण चीन सागर से बाहर निकलने के लिए दबाव डाल रहे हैं।

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