Edited By Seema Sharma,Updated: 12 Mar, 2021 02:19 PM
चीन सरकार शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों को काफी समय से प्रताड़ित करती आ रही है। उइगर मुस्लिम पुरुष को प्रताड़ित करने के अलावा महिलाओं को भी कई तरह की यातनाएं दी जाती हैं। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन ने उइगरों के साथ यूनाइटेड नेशन...
इंटरनेशनल डेस्क: चीन सरकार शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों को काफी समय से प्रताड़ित करती आ रही है। उइगर मुस्लिम पुरुष को प्रताड़ित करने के अलावा महिलाओं को भी कई तरह की यातनाएं दी जाती हैं। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन ने उइगरों के साथ यूनाइटेड नेशन जेनोसाइड कनवेंशन के सभी प्रोविजन्स का उल्लंघन किया है। यह रिपोर्ट इंटरनेशल लॉ, जेनोसाइड, वॉर क्राइम्स पर 50 से अधिक एक्सपर्ट्स द्वारा पेश की गई है।
रिपोर्ट में कहा गया कि शिनजियांग में बंदी महिलाओं के साथ रेप, क्रूर घटनाएं, अमानवीय और अपमानजनक उपचार आदि किया जाता है। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि साल 2014 से शिनजियांग में बनाई गई आसाधारण आंतरिक सुविधाओं में 10-20 लाख लोगों को बंदी बनाया गया है और इनको कई तरह की यातनाएं दी जाती हैं। यौन उत्पीड़न, जबरन नसबंदी समेत कई लोगों को मौत के घाट भी उतार दिया गया। बता दें कि अमेरिका की स्टेट डिपार्टमेंट ने दिसंबर 2018 में कहा था कि चीनी अधिकारियों ने 2017 से 20 लाख से अधिक उइगर और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों के सदस्यों को नजरबंदी शिविरों में कैद कर रखा है।
अमेरिका के इस आकलन का रिपोर्ट में जिक्र किया गया है। हालांकि, उइगर मुस्लिमों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के आरोपों से चीन अब तक इनकार ही करता रहा है। चीन की तरफ से कहा गया कि उसने कभी भी उन लोगों को उनके अधिकारों से वंचित नहीं रखा है। वहीं नजरबंदी शिविरों को चीन ने 'व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र' बताया है जो गरीबी उन्मूलन अभियान का हिस्सा हैं।