अमेरिकी सांसदों के ताइवान दौरे से चिढ़ा चीन, धमकाने के लिए सैन्य अभ्यास किया शुरू

Edited By Tanuja,Updated: 16 Apr, 2022 01:38 PM

china holds military drills around taiwan as us lawmakers visit

अमेरिकी सांसदों के ताइवान दौरे से चिढ़े चीन ने  शुक्रवार को सैन्य अभ्यास किया। चीन ने कहा है कि ताइवान को अपने नियंत्रण में लाने के लिए बल प्रयोग...

ताइपे: अमेरिकी सांसदों के ताइवान दौरे से चिढ़े चीन ने  शुक्रवार को सैन्य अभ्यास किया। चीन ने कहा है कि ताइवान को अपने नियंत्रण में लाने के लिए बल प्रयोग करने की अपनी धमकी पर जोर देने के मकसद से उसकी सेना ने यह अभ्यास किया है।  वहीं ताइवान के दौरे पर आए अमेरिकी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने चीन को चेतावनी जारी करते हुए स्व-शासित द्वीप में लोकतंत्र के लिए अपने समर्थन की सार्वजनिक घोषणा की। अमेरिका के छह सांसदों ने शुक्रवार सुबह ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन से मुलाकात की। सांसदों का ताइवान के रक्षा मंत्री से भी मिलने का कार्यक्रम है।

 

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि ताइवान के पास पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के पूर्वी थिएटर कमान द्वारा आयोजित सैन्य अभ्यास "अमेरिका के हालिया नकारात्मक कार्यों के लिए जवाबी कार्रवाई है, जिनमें सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल की ताइवान यात्रा भी शामिल है।'' झाओ ने कहा, "चीन अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए कड़े कदम उठाता रहेगा।'' चीन विदेशी सरकारों और ताइवान की सरकार के बीच किसी भी आधिकारिक आदान-प्रदान के खिलाफ है तथा उसका दावा है कि ताइवान उसके राष्ट्रीय क्षेत्र का हिस्सा है, न कि कोई स्वतंत्र देश।

 

1949 में गृहयुद्ध के बाद चीन और ताइवान अलग हो गए थे। पूर्वी थिएटर कमान ने एक बयान में सैन्य अभ्यास को "ताइवान जलडमरूमध्य में मौजूदा सुरक्षा स्थिति और राष्ट्रीय संप्रभुता की रक्षा करने की आवश्यकता के आधार पर आवश्यक कार्रवाई" बताया। बयान में कहा गया है, “ताइवान चीनी क्षेत्र का अविभाज्य हिस्सा है। ताइवान के मुद्दे पर किसी भी विदेशी हस्तक्षेप के लिए कोई जगह नहीं है।" ताइवान की राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने अमेरिकी सांसदों की यात्रा का स्वागत किया और उम्मीद जतायी कि इससे अमेरिका-ताइवान सहयोग को और प्रगाढ़ बनाने में मदद मिलेगी।

 

उनहोंने कहा, ‘‘यूक्रेन पर रूसी हमले ने साबित कर दिया है कि लोकतंत्रों को अपने गठबंधनों को मजबूत बनाना चाहिए और सामूहिक रूप से हम उन निरंकुश देशों द्वारा उत्पन्न खतरों से अपना बचाव कर सकते हैं जो क्षेत्रीय शांति को बाधित करना चाहते हैं।" उल्लेखनीय है कि अमेरिका लोकतांत्रिक द्वीप ताइवान का सबसे बड़ा अनौपचारिक सहयोगी है और उसने पिछले वर्षों में ताइवान को हथियारों की बिक्री बढ़ा दी है। 

 

 

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