Edited By Tanuja,Updated: 17 Aug, 2022 05:13 PM
कोरोना की मार से त्रस्त चीन की अब मौसम ने कमर तोड़ दी है। यहां के दक्षिणी और पूर्वी प्रांत में जुलाई के महीने में लोगों ने भयंकर बाढ़ का सामना किया।...
बीजिंगः कोरोना की मार से त्रस्त चीन की अब मौसम ने कमर तोड़ दी है। यहां के दक्षिणी और पूर्वी प्रांत में जुलाई के महीने में लोगों ने भयंकर बाढ़ का सामना किया। इस बीच चीन में अब लोग तपतपाती गर्मी से बेहाल हैं। चीन में गर्मी ने पिछले 60 सालों का रिकार्ड तोड़ दिया है। यहां के कई शहरों का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस (104 डिग्री फारेनहाइट) के पार चला गया है।
आलम ये है कि चीन के शिचुआन प्रांत में छह दिनों के लिए सभी कारखाने बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं ताकि यहां बिजली की आपूर्ति में कमी की समस्या को कुछ हद तक कम किया जा सके और लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिल सके। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में शिचुआन एक ऐसी जगह है जहां सेमीकंडक्टर और सोलर पैनल के कई सारे यूनिट हैं। ऐसे में बिजली संकट गहराने से ऐप्पल के प्रोडक्शन पार्टनर फॉक्सकॉन और इंटेल (आईएनटीसी) समेत यहां मौजूद दुनिया की कई बड़ी इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों के कारखाने प्रभावित होंगे।
इतना ही नहीं, शिचुआन में लिथियम का भी अथाह भंडार है जिसका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक कार की बैटरियों को बनाने में किया जाता है। ऐसे में अगर कारखाने इस तरह से बंद होंगे तो जाहिर सी बात है कि कच्चे माल की कीमत बढ़ेगी। चीन में जिस कदर गर्मी बढ़ी है उससे घरों और ऑफिस में एयर कंडीशनरों की मांग बहुत ज्यादा बढ़ गई है जिसका दबाव पॉवर ग्रिड पर पड़ रहा है। गर्मी से नदियों के जल स्तर में भी कमी आई है। ऐसे में जल विद्युत संयंत्रों से उत्पादित बिजली की मात्रा भी घटी है।
शिचुआन के अलावा, जिआंगसू , अनहुई और झेजियांग में भी गर्मी कहर बरपा रहा है। यहां भी लोगों से बिजली बचाने की अपील की जा रही है क्योंकि गर्मी जैसे-जैसे बढ़ रही है बिजली की आपूर्ति में कमी देखी जा रही । चीन में कारखाने वगैरह इन दिनों इसलिए भी बंद किए जा रहे हैं ताकि घरों में बिजली की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके और गर्मी की मार झेल रहे लोगों को ज्यादा परेशानी न हो।