Edited By Tanuja,Updated: 18 Dec, 2018 11:31 AM
मध्य-पूर्व में सशस्त्र ड्रोन का इस्तेमाल बढ़ा है और इनमें से ज्यादातर देश इसकी खरीदारी चीन से कर रहे हैं। चीन सश ड्रोन के जरिए इन देशों में अपनी पैठ बना रहा है...
बीजिंग: मध्य-पूर्व में सशस्त्र ड्रोन का इस्तेमाल बढ़ा है और इनमें से ज्यादातर देश इसकी खरीदारी चीन से कर रहे हैं। चीन सश ड्रोन के जरिए इन देशों में अपनी पैठ बना रहा है।
रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीच्यूट (आर.यू.एस.आई.) की एक रिपोर्ट के मुताबिक मध्य पूर्व के जॉर्डन, ईराक, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जैसे कई देशों में हथियारों से लैस ड्रोन की खरीद बढ़ी है, जबकि इसराईल, ईरान और तुर्की जैसे देश खुद इसका निर्माण कर रहे हैं।
मध्यपूर्व और अन्य जगहों पर ड्रोन की बिक्री में चीन का वर्चस्व है और इसकी कीमत भी कम पड़ती है। क्षेत्रीय युद्ध में अपना दबदबा बढ़ाने के लिए कई देश और संगठन इसकी खरीदारी कर रहे हैं। इससे पहले खबरें आयी थी कि मध्यपूर्व में अमेरिकी निर्मित ड्रोन के खरीदारों को चीनी हथियार निर्माता प्रलोभन दे रहे हैं और इससे अमेरिकी सुरक्षा हितों के लिहाज से महत्वपूर्ण क्षेत्र में चीन का प्रभाव बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि बीजिंग ऐसे कई देशों को हथियारों से लैस ड्रोन की आपूर्ति कर रहा है जो अमेरिका से उसकी खरीदारी नहीं कर सकते और यह सस्ता भी पड़ता है।