चीन ने ब्रिक्स सम्मेलन के बाद पाक विदेश मंत्री को चीन आने का न्योता दिया

Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Sep, 2017 09:36 PM

china invites pak foreign minister to visit china after brics conference

चीन ने बुधवार को कहा कि उसने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बाद वार्ता के लिए पाकिस्तान के विदेश मंत्री को...

बीजिंग: चीन ने बुधवार को कहा कि उसने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बाद वार्ता के लिए पाकिस्तान के विदेश मंत्री को आमंत्रित किया है। संभवत: पाकिस्तान की चिंताओं को दूर करने के लिए बीजिंग ने यह कदम उठाया है। गौरतलब है कि ब्रिक्स देशों ने पहली बार लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद जैसे पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठनों का जिक्र किया है। 

8 सितंबर को करेंगे आसिफ चीन की यात्रा
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेंग शुआंग ने बताया कि विदेश मंत्री मोहम्मद आसिफ आठ सितंबर को चीन की एक आधिकारिक यात्रा करेंगे। चीनी नेता आसिफ से मिलेंगे और विदेश मंत्री वांग यी उनके साथ बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा कि चीन और पाकिस्तान सदाबहार रणनीतिक साझेदार हैं और दोनों देशों ने अच्छी गति से अपने संबंधों को बढ़ते, अक्सर ही उच्च स्तर का आदान प्रदान होते और राजनीतिक सहयोग का सार्थक नतीजा निकलते देखा है। आसिफ के चीन, रूस, तुर्की और ईरान का इस हफ्ते यात्रा करने की संभावना है। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि यदि इसने आतंकी संगठनों का समर्थन जारी रखा तो इसे अंजाम भुगतने होंगे। 

आसिफ की यात्रा से पाक-चीन समन्वय एवं संचार को बढ़ावा
आसिफ की यात्रा के दौरान चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) पर केन्द्रित राजनीतिक सहयोग को प्रगाढ़ता मिलेगी और अंतराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय मामलों पर समन्वय एवं संचार को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, भारत ने सीपीईसी को लेकर चीन के खिलाफ विरोध दर्ज कराया है क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरता है। शुआंग ने बताया कि दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों और परस्पर हित के अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान प्रदान करेंगे। पाकिस्तान ने मंगलवार को ब्रिक्स घोषणापत्र को खारिज करते हुए कहा कि उसकी सरजमीं पर आतंकवादियों के लिए कोई सुरक्षित पनाहगाह नहीं है। 

चीन की मंजूरी को भारत के लिए कूटनीतिक जीत
हालांकि, ब्रिक्स घोषणापत्र को चीन की मंजूरी की एक चीनी थिंक टैंक ने तीखी आलोचना करते हुए कहा कि यह चीन और पाक के बीच करीबी संबंधों में तनाव पैदा करेगा। चीन की मंजूरी को भारत के लिए कूटनीतिक जीत के तौर पर देखा जा रहा है। चाइना इंस्टीट्यूट ऑफ कंटम्परेरी इंटरनेशनल रिलेशंस के निदेशक हु शिशेंग ने मीडिया को बताया,‘‘ यह मेरी समझ से परे है कि चीन इस पर कैसे राजी हो गया। मुझे नहीं लगता कि यह एक अच्छा विचार है। आने वाले दिनों में चीन राजनयिकों को पाकिस्तान को स्पष्टीकरण देना होगा। यह पाकिस्तान को नाराज करेगा। इसकी चीन को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। पाकिस्तान बहुत परेशान होगा।’’   

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