Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Jun, 2018 07:00 PM
चीन की नौसेना ने शुक्रवार को दक्षिणी चीन सागर में हवाई हमले से निपटने के लिए युद्धाभ्यास किया। यह जानकारी चीन के सरकारी मीडिया ने दी। चीन की सेना के आधिकारिक समाचार पत्र में कहा गया कि दक्षिण चीन सागर में नौसेना के युद्धाभ्यास में तीन लक्षित ड्रोन...
बीजिंग: चीन की नौसेना ने शुक्रवार को दक्षिणी चीन सागर में हवाई हमले से निपटने के लिए युद्धाभ्यास किया। यह जानकारी चीन के सरकारी मीडिया ने दी। चीन की सेना के आधिकारिक समाचार पत्र में कहा गया कि दक्षिण चीन सागर में नौसेना के युद्धाभ्यास में तीन लक्षित ड्रोन का इस्तेमाल करके नकली मिसाइल हमला किया गया।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक यह युद्धाभ्यास हवाई हमलों से निपटने के लिए प्रशिक्षण के प्रयासों का हिस्सा है। इससे पहले चीन ने कहा था कि कुछ प्रशिक्षणों से सेनाएं प्रभावी तरीके से तैयार नहीं हो पा रही हैं। दूसरी तरफ अमरीका के विदेश मंत्री माइक पेम्पेओ ने गुरुवार को चीन की यात्रा के दौरान समुद्र में उसके बढ़ते सैन्य तैनाती के प्रयासों पर चिंता जाहिर की थी।
पेम्पेओ का यह बयान दक्षिण चीन सागर में अमरीका की गतिविधियां बढऩे के बाद आया। पिछले सप्ताह अमरीकी वायुसेना के बी-52 बमवर्षक विमान ने विवादित द्वीपों के नजदीक उड़ान भरी थी। दक्षिण चीन सागर में सैन्य उपस्थिति को लेकर चीन और अमरीका की तकरार होती रही है। दोनों एक दूसरे पर दक्षिण चीन सागर में सैन्य तैनाती बढ़ाने का आरोप लगाते रहे हैं।
चीन का आरोप है कि अमरीका के ‘नौपरिवहन की स्वतंत्रता’ जैसे अभियान से तनाव बढ़ा हैं वहीं अमरीका का कहना है कि इस तरह के अभियान सामरिक महत्व के इस जलमार्ग में चीन द्वारा नौपरिवहन की गतिविधियों को कम करने के प्रयासों से निपटने के लिए आवश्यक हैं। चीन दक्षिण चीन सागर में मिसाइल तैनात कर रहा है तो अमरीका सहयोगी राष्ट्रों पर यहां ज्यादा सैनिक तैनात करने के लिए दबाब डाल रहा है। चीन के अलावा दक्षिण चीन सागर पर ताइवान, वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनई और फिलीपींस भी दावा हैं।