Edited By Tanuja,Updated: 24 Oct, 2020 04:06 PM
ताइवान और अमेरिका के बाद अब चीन सरेआम ब्रिटेन को धमकियां देने पर उतर आया है। चीन ने शुक्रवार को ब्रिटेन को चेतावनी देते हुए कहा कि वह ....
इंटरनेशनल डेस्कः ताइवान और अमेरिका के बाद अब चीन सरेआम ब्रिटेन को धमकियां देने पर उतर आया है। चीन ने शुक्रवार को ब्रिटेन को चेतावनी देते हुए कहा कि वह हांगकांग के निवासियों को नागरिकता देने की पेशकश के खिलाफ उपायों से बचने के लिए तुरंत अपनी गलतियों में सुधार करे । चीन ने धमकी दी है कि वह हांगकांग के लोगों के लिए ब्रिटेन द्वारा पूर्व में जारी पासपोर्ट की मान्यता खत्म कर देगा। हांगकांग ब्रिटेन का उपनिवेश रहा है और एक समझौते के तहत 1997 से यह चीन को हस्तांतरित हुआ था। ब्रिटेन हांगकांग के हजारों पासपोर्ट धारकों को अपनी नागरिकता देने पर विचार कर रहा है।
दरअसल, हांगकांग में चीन द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किए जाने के बाद जुलाई में ब्रिटिश सरकार ने घोषणा की थी कि विशेष व्यवस्था के तहत वह हांगकांग के लोगों को जनवरी 2021 से ब्रिटिश नागरिकता देगी। चीन ने लोकतंत्र की मांग वाले आंदोलन को दबाने के लिए सुरक्षा कानून लागू किया था। लेकिन ब्रिटिश नागरिकता मिलने के बाद हांगकांग के लोगों को अपनी बात कहने का अधिकार मिल जाएगा और उनके खिलाफ कोई कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय मसला बन जाएगा।
ब्रिटेन की नागरिकता का लाभ उन्हीं लोगों को मिलना है जिनके पास ब्रिटिश नेशनल ओवरसीज (बीएनओ) पासपोर्ट है। हांगकांग में इन पासपोर्ट धारकों की संख्या हजारों में है। शुक्रवार को चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा, चीन सरकार इस मामले में कड़ा रुख रखती है। हांगकांग का मसला चीन का आंतरिक मामला है लेकिन ब्रिटेन इसमें लगातार हस्तक्षेप करने की कोशिश करता रहा है, जो गलत है।
चीन के प्रवक्ता ने कहा कि हांगकांग के नागरिकों के मामले में ब्रिटेन अपना वादा तोड़ रहा है। उसने कहा था कि बीएनओ पासपोर्ट वैध यात्रा दस्तावेज के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा। चीन को इनके विषय में निर्णय लेने का अधिकार दिया गया था। लेकिन अब ब्रिटेन इस पासपोर्ट को मान्यता देते हुए आगे की बात कर रहा है। ब्रिटिश सरकार की वेबसाइट के अनुसार हांगकांग बीएनओ वीजा के जरिये 30 महीने तक ब्रिटेन में प्रवेश की अनुमति है। इसे 30 महीने या एक बार में अधिकतम पांच साल के लिए बढ़ाया जा सकता है।