ट्रेड वॉर से सुस्त पड़ी चीन के विकास की रफ्तार, GDP ग्रोथ को लगा बड़ा झटका

Edited By Isha,Updated: 19 Oct, 2018 04:08 PM

china moves to lift confidence as economic growth hits weakest pace since 2009

दुनिया की दूसरी सबसे आर्थिक महाशक्ति चीन की आर्थिक ग्रोथ लगातार धीमी हो रही है और इसका मुख्य कारण अमरीका और चीन के बीच जारी ट्रेड वॉर है जिसका असर जीडीपी ग्रोथ रेट पर पड़ रहा है। चीन सरकार द्वारा शुक्रवार जारी आंकड़ों के

इंटरनैशनल डेस्कः दुनिया की दूसरी सबसे आर्थिक महाशक्ति चीन की आर्थिक ग्रोथ लगातार धीमी हो रही है और इसका मुख्य कारण अमरीका और चीन के बीच जारी ट्रेड वॉर है जिसका असर जीडीपी ग्रोथ रेट पर पड़ रहा है। चीन सरकार द्वारा शुक्रवार जारी आंकड़ों के मुताबिक जुलाई से सिंतबर तिमाही के दौरान चीन की जीडीपी ग्रोथ महज 6.5 फीसदी दर्ज हुई है। इससे पहले दोनों तिमाहियों में चीन को 6.8 और 6.7 फीसदी की ग्रोथ रेट मिली थी। चीन के नैशनल ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स के मुताबिक वैश्विक अर्थव्यवस्था पर छाए संकट के चलते जीडीपी ग्रोथ में गिरावट दर्ज हुई है।
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ट्रेड वॉर के चलते स्थिती हुई खराब 
चीन सरकार के प्रवक्ता माओ शेंगयॉन्ग के मुताबिक ट्रेड वॉर के चलते चीन के लिए स्थिति खराब हो रही है वहीं घरेलू स्तर पर चीन सरकार को आर्थिक सुधार और विकास के लक्ष्य को आगे बढ़ाने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। वहीं ट्रेड वॉर का गंभीर असर चीन पर इसलिए भी पड़ रहा है क्योंकि वह स्तान के कंधार प्रांत में एक उच्च स्तरीय बैठक को निशाना बना कर किए गए आतंकवादी हमले की निंदा की है।
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चीन की परेशानियां
सीएनबीसी के एक प्रोग्राम में एक्सपर्ट्स ने बताया कि चीन की सबसे बड़ी परेशानी अमेरिका के साथ चल रही ट्रेड वॉर है इससे प्रोडक्शन गिर रहा है। अगली तिमाही में ग्रोथ 6.6 फीसदी से 6.7 फीसदी के आसपास रहने की उम्मीद है।
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क्या है ट्रेड वॉर
जब दो या उससे ज्यादा देश बदले की भावना से एक-दूसरे के लिए व्यापार में अड़चनें पैदा करते हैं तो उसे ट्रेड वॉर यानी व्यापार युद्ध कहा जाता है। इसके लिए एक देश दूसरे देश से आने वाले समान पर टैरिफ या टैक्स लगा देता है या उसे बढ़ा देता है। इससे आयात होने वाली चीजों की कीमत बढ़ जाती हैं, जिससे वे घरेलू बाजार में प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाती. इससे उनकी बिक्री घट जाती है। अमरीका और चीन के बीच यही चीज देखी जा रही है। चीन अमरीका का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है। अमरीका के कुल व्यापार में चीन की हिस्सेदारी 16.4 फीसदी है। भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के टॉप 5 ट्रेडिंग पार्टनर्स में नहीं आता है। 1.9 फीसदी की व्यापार हिस्सेदारी के साथ वह इस मामले में नौवें पायदान पर है।

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