Edited By Ashish panwar,Updated: 17 Jan, 2020 09:10 PM
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग शुक्रवार को म्यांमार पहुंचे। चीन की महत्वाकांक्षी वन बेल्ट वन रोड प्रोजेक्ट से जुड़ी अरबों डॉलर की परियोजनाओं को अंतिम रूप देने के उद्देश्य से चीन के राष्ट्रपति का यह दौरा बहुत अहम माना जा रहा है। उनके स्वागत के लिए देश...
इंटरनेशनल डेस्कः चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग शुक्रवार को म्यांमार पहुंचे। चीन की महत्वाकांक्षी वन बेल्ट वन रोड प्रोजेक्ट से जुड़ी अरबों डॉलर की परियोजनाओं को अंतिम रूप देने के उद्देश्य से चीन के राष्ट्रपति का यह दौरा बहुत अहम माना जा रहा है। उनके स्वागत के लिए देश की नई राजधानी नेपिता के राजमार्गो को चिनफिंग की तस्वीर और चीन के राष्ट्रीय झंडों से सजाया गया था। चिनफिंग के इस दौरे पर चीन और म्यामांर के बीच कई परियोजनाओं पर दस्तखत होने की उम्मीद है। इनमें बंगाल की खाड़ी में बंदरगाह और देश के पूर्वी हिस्से से पश्चिम तक हाईस्पीड रेलमार्ग भी शामिल है। चिनफिंग की इस यात्रा को रोहिंग्या मुद्दे पर पश्चिमी देशों का दबाव झेल रहे म्यामांर के समर्थन के तौर पर भी देख रहे हैं। चिनफिंग शनिवार को म्यांमार की नेता आंग सान सूकी और सेना प्रमुख मिन आंग के साथ बैठक करेंगे।
चीन इस उभरते हुए लोकतंत्र में बंदरगाह, रेल लिंक और कई निर्माण परियोजनाओं को अंतिम रूप देना चाहता है। चिनफिंग के इस दौरे से पहले सूकी ने चीन की सीमा से सटे काचिन राज्य का दौरा किया था। यही वह जगह है जहां चीन छह हजार मेगावाट की क्षमता वाले बांध का निर्माण कर रहा था। लेकिन 2011 में स्थानीय विरोध के कारण उसे यह परियोजना रोकनी पड़ी। चीन इरावडी नदी पर ठप पड़ी इसी 6 हजार मेगावाट के मिटसोन बांध परियोजना को शुरू करना चाहता है। इस परियोजना की लागत 3.6 बिलियन डॉलर है और इससे पैदा होने वाली 90 फीसद बिजली चीन को देना निश्चित है। 1948 से छह नवंबर, 2005 तक म्यामांर की राजधानी रंगून थी। 2005 में सैन्य शासक राजधानी को रंगून से 320 किलोमीटर उत्तर में स्थित नेपिता ले गए। नई राजधानी ना केवल देश के केंद्र में है बल्कि सामरिक रूप से भी अहम है।