Edited By Tanuja,Updated: 03 May, 2021 09:07 PM
चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (BRI) प्रोजेक्ट पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इस परियोजना से ऑस्ट्रेलिया के अलग होने के बाद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग...
इंटरनेशनल डेस्कः चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (BRI) प्रोजेक्ट पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इस परियोजना से ऑस्ट्रेलिया के अलग होने के बाद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग जबरदस्त किरकिरी के बाद भड़का हुआ है। अब आस्ट्रेलिया के साथ कई अन्य देश भी इस परियोजना के अलग हो सकते हैं। परियोजनाओं के नाम पर सैन्य मौजूदगी बढ़ाने व कई मनमानी शर्तें थोपने के कारण इससे जुड़े अधिकतर देश अब खुद को फंसा हुआ महसूस कर रहे हैं। ऑस्ट्रेलियाई पीएम स्कॉट मॉरिसन ने पिछले माह BRI समझौते को रद्द कर दिया था। विदेश मंत्री मैरिस पेन ने कहा कि समझौता कॉमनवेल्थ कानूनों के तहत बने फॉरने-वीटो प्रावधान का उपयोग करते हुए रद्द किया गया है।
इसके अलावा चीन ने अफ्रीका के देश जिबूती में चल रही परियोजना में सुरक्षा के नाम पर सेना तैनात की थी। अब वहां सेना की मौजूदगी बढ़ा सकता है। इसी चालाकी को भांपकर कुछ अफ्रीकी देश BRI परियोजना से हट सकते हैं। इसके अलावा BRI समझौते की कई शर्तों को विवादास्पद माना जा रहा है जो चीन ने अपने हितों के इन्हें तय किया है। अमेरिका के जॉर्ज टाउन विश्वविद्यालय के अनुसार कई शर्तें तो ऐसी हैं चीन से लोन वाले देश सार्वजनिक तौर पर यह भी बता सकते की उन्होंने लोन लिया है।
ऑस्ट्रेलिया के निर्णय को चीन ने नकारात्मक कदम बताया है। साथ ही कहा है कि इससे द्विपक्षीय संबंध खट्टे होंगे। चीन के प्रमुख कूटनीतिज्ञ चेंग जिंगये ने ऑस्ट्रेलिया को दोनों देशों के बिगड़ते संबंधों के लिए दोषी बताया। वैसे अप्रैल 2020 से ही दोनों देशों के रिश्ते बिगड़ रहे हैं। हांगकांग व चीन में उइगर मुसलमान अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के लिए चिंता जताने पर यूरोपीय संघ के साथ ही चीन की तनातनी बढ़ती जा रही है। उसने हाल में यहा के कई अधिकारियों जनप्रतिनिधियों, राजदूतों और अकादमिक जगत के लोगों पर पाबंदियां लगा दी।