Edited By Tanuja,Updated: 16 Jul, 2022 12:56 PM
कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के लिए शंघाई और अन्य शहरों में लॉकडाउन लगाए जाने और कारोबारों एवं औद्योगिक आपूर्ति श्रृंखलाओं को नुकसान...
बीजिंगः कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के लिए शंघाई और अन्य शहरों में लॉकडाउन लगाए जाने और कारोबारों एवं औद्योगिक आपूर्ति श्रृंखलाओं को नुकसान पहुंचने से चीन की अर्थव्यवस्था में जून में खत्म तिमाही में घटी है। इस अवधि में अर्थव्यवस्था में महज 0.4 फीसदी की वृद्धि हुई जो दो साल में सबसे कम है। चीन सरकार के आधिकारिक आंकड़ों से शुक्रवार को यह जानकारी मिली। राष्ट्रीय सांख्यिकीय ब्यूरो (एनबीएस) की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-जून तिमाही में दुनिया की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था चीन की आर्थिक वृद्धि अनुमान से बहुत कम महज 0.4 फीसदी रही है।
इससे पहले 2020 की पहली तिमाही में कोरोनावायरस के शुरुआती संक्रमण के समय चीन की अर्थव्यवस्था में 6.8 फीसदी का संकुचन आया था। उसके बाद से यह सबसे कम वृद्धि दर है। उस समय वुहान में कोरोना वायरस के मामले सामने आने लगे थे।एनबीएस के आंकड़ों के अनुसार 2022 की पहली छमाही में चीन का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) सालाना आधार पर 2.5 फीसदी बढ़ा। हालांकि चीन ने इस साल के लिए जीडीपी वृद्धि का लक्ष्य करीब 5.5 फीसदी रखा हुआ है।
एनबीएस के प्रवक्ता फू लिंघुई ने अर्थव्यवस्था में आए संकुचन के बारे में कहा, ‘‘घरेलू स्तर पर महामारी का असर अब भी कायम है और घटती मांग के साथ आपूर्ति शृंखला भी चपेट में है। प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की नीतियों को कड़ा किया जा रहा है। वहीं बाहरी अस्थिरताएं और अनिश्चितताएं भी मौजूद हैं।’’ चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग ने बृहस्पतिवार को ही आगाह किया था कि चीन की अर्थव्यवस्था कठिन दौर से गुजर रही है।
चीन के इस सुस्त प्रदर्शन के पीछे जानकारों ने लॉकडाउन को अहम वजह बताया है। ऑक्सफर्ड इकोनॉमिक्स के प्रमुख अर्थशास्त्री टॉमी वू ने कहा, "महामारी फैलने के बाद से सबसे खराब प्रदर्शन जून तिमाही में रहा है। महामारी के प्रसार पर काबू पाने के लिए लगाए गए सख्त लॉकडाउन ने इस तिमाही की शुरुआत में आर्थिक गतिविधियों को बुरी तरह प्रभावित किया।" चीन की सरकार ने वायरस को फैलने से रोकने के लिए शंघाई समेत कई शहरों को पूरी तरह बंद कर दिया था। शंघाई चीन का सबसे बड़ा औद्योगिक केंद्र है जिसमें करीब 2.5 करोड़ लोग रहते हैं।