कोरोना के कारण चीन की अंतर्राष्ट्रीय साख को पहुंचा नुकसान, सर्वे में लोगों ने जमकर निकाली भड़ास

Edited By Tanuja,Updated: 07 Oct, 2020 01:04 PM

china s global reputation plunges in the wake of coronavirus pandemic

कोरोना वायरस और आक्रामक रवैये के कारण चीन की अंतरराष्ट्रीय साख को जबरदस्त नुकसान पहुंचा है। लोगों ने कोरोना वायरस महामारी को लेकर ...

बीजिंग: कोरोना वायरस और आक्रामक रवैये के कारण चीन की अंतरराष्ट्रीय साख को जबरदस्त नुकसान पहुंचा है। लोगों ने कोरोना वायरस महामारी को लेकर चीन के ऊपर जमकर भड़ास निकाली है। अंतर्राष्ट्रीय सर्वेक्षण एजेंसी प्यू रिसर्च के एक ताजा सर्वे में अधिकांश देशों के लोगों ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी को संभालने में चीन ने बहुत बुरा काम किया है।

 

शी जिनपिंग पर लोगों का भरोसा हुआ कम
पिछले 12 महीनों में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के ऊपर लोगों का भरोसा बहुत कम हुआ है। अमेरिका में 77 फीसदी लोगों ने कहा है कि उनका वैश्विक मामलों में सही काम करने के लिए शी जिनपिंग के ऊपर कोई भरोसा नहीं है। प्यू के वरिष्ठ शोधकर्ता लॉरा सिल्वर और रिपोर्ट के सह-लेखक लॉरा सिल्वर ने कहा कि इस सर्वे में सबसे बड़ी खोज यह है कि चीन के खिलाफ धारणा तेजी से मजबूत हो रही है कि उसने कोरोना के खिलाफ सही काम नहीं किया है।

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14 देशों में 14,276 वयस्कों का सर्वेक्षण
अमेरिकी फैक्ट-टैंक प्यू रिसर्च ने जून और अगस्त के बीच 14 देशों में 14,276 वयस्कों का सर्वेक्षण किया। कोरोना वायरस महामारी के कारण लोगों से सर्वे टेलीफोन के जरिए किया गया। सर्वेक्षण में शामिल देशों में अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, जापान और यूनाइटेड किंगडम शामिल हैं। चीनी शहर वुहान में पिछले साल के अंत में वायरस का पहला मामले सामने आया था। चीन तब से महामारी को लेकर आलोचना का सामना कर रहा है।

 

हर देश में चीन को लेकर भारी गुस्सा
प्यू रिसर्च के सर्वे में सभी 14 देशों के पास चीन को लेकर कोई न कोई नकारात्मक दृष्टिकोण अवश्य था। फ्रांस, जापान और इटली को छोड़कर हर देश में चीन को लेकर भारी गुस्सा देखने को मिला है। प्यू रिसर्च साल 2002 से ऐसा सर्वेक्षण करता रहा है। लेकिन, इस बार के आंकड़े चौंकाने वाले मिले हैं।

 

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ऑस्ट्रेलिया में दिखा सबसे बड़ा परिवर्तन
चीन को लेकर अच्छी राय रखने वाले देशों में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली है। उदाहरण के लिए 2017 में ऑस्ट्रेलिया के 64% सर्वेक्षणकर्ताओं ने कहा कि वे अपने सबसे बड़े व्यापारिक भागीदार की ओर सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं। लेकिन, उसके केवल तीन साल बाद केवल 14 फीसदी लोग ही ऐसी राय रखते हैं। जबकि 81 फीसदी लोगों की राय में चीन उनका दुश्मन है।

 

ब्रिटेन में 74 फीसदी लोग चीन के खिलाफ
ब्रिटेन में भी इसी तरह के परिणाम आए हैं। 2018 में हुए सर्वेक्षण में शामिल 49 फीसदी लोगों ने कहा कि वे चीन को लेकर अच्छी राय रखते हैं जबकि प्रतिकूल दृष्टिकोण के साथ सिर्फ 35 फीसदी थी। अब 74 फीसदी ब्रिटिश नागरिकों ने कहा कि वे चीन के बारे में नकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं।

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चीन की रेटिंग में तेजी से गिरावटआई
इस सर्वे के अनुसार, कोरोना वायरस महामारी के कारण चीन की रेटिंग में तेजी से गिरावट आई है। 14 देशों के 61 फीसदी लोगों ने कहा है कि चीन ने कोरोना वायरस महामारी को खराब तरीके से हैंडल किया है। लेकिन, महामारी शुरू होने से पहले ही 2019 से चीन को लेकर लोगों के नजरिए में बदलाव आना शुरू हो गया था। पिछले दो वर्षों में चीनी सरकार को लेकर नकारात्मक खबरों की लहर देखने को मिली है।


मुसलमानों पर नजरबंदी ने दुनियाभर में घिरा
हांगकांग में प्रदर्शनकारियों पर बीजिंग की कार्रवाई की आलोचना और शिनजियांग में उइगुर मुसलमानों पर नजरबंदी ने दुनियाभर में सुर्खियां बटोरी हैं। इसके बीच चीन ने अपने आक्रामक राजनयिकों की एक नई फौज भी खड़ी की है, जिसे वह वुल्फ वॉरियर करार देता है। जो हर तरीके से पेइचिंग का बचाव करते नजर आते हैं। सारा दुनिया जिनपिग को फांसी होता देखना चाहता है

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