कोविड प्रकोप के बीच चीन के प्रधानमंत्री ने आर्थिक विकास पर जारी की तीसरी चेतावनी

Edited By Tanuja,Updated: 19 Apr, 2022 05:35 PM

china s premier li third warning over economic growth amid covid outbreak

कोरोना के ताजे मामलों ने दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन की हालत खराब कर दी है। मार्च में लॉकडाउन ने चीन की आर्थिक वृद्धि को...

बीजिंग: कोरोना के ताजे मामलों ने दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन की हालत खराब कर दी है। मार्च में लॉकडाउन ने चीन की आर्थिक वृद्धि को प्रभावित किया। कोविड के बढ़ते मामलों के बीच चीन के प्रीमियर (प्रधानमंत्री) ली केकियांग ने एक सप्ताह से भी कम समय में आर्थिक विकास जोखिमों के बारे में तीसरी चेतावनी जारी की है जिससे व्यवसायियों की चिंता बढ़ गई है।

 

11 अप्रैल को स्थानीय सरकारी अधिकारियों के साथ आयोजित एक मंच पर ली ने अधिकारियों से विभिन्न नीतिगत उपायों के कार्यान्वयन में तेजी लाने  का आग्रह किया और इस बात पर जोर दिया कि सभी इलाकों और सरकारी विभागों को  अत्यधिक सतर्क रहना चाहिए। ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, ली ने कहा कि अप्रत्याशित चुनौतियों के खिलाफ, और कोविड के कारण बढ़ते आर्थिक दबाव और नई चुनौतियों का दृढ़ता से जवाब देना होगा। विश्लेषकों के अनुसार, निकट भविष्य में COVID  से बढ़ती चुनौतियों के साथ-साथ वैश्विक तनाव से  चीन की अर्थव्यवस्था, विशेष रूप से निवेश और खपत पर दबाव पड़ेगा। 

 

दरअसल चीन में कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से आर्थिक राजधानी शंघाई में लगातार लॉकडाउन लग रहा है और इसके चलते सेमीकंडक्टर का प्रोडक्शन भी घट गया है। इस साल की पहली तिमाही में चीन में इंटीग्रेटेड सर्किट के प्रोडक्शन में 4.2% की गिरावट आई है। यह 2019 की पहली तिमाही में प्रोडक्शन में आई 8.7% गिरावट के बाद सबसे खराब तिमाही रही है। हालांकि इस साल की पहली तिमाही में चीन की GDP ग्रोथ उम्मीद से ज्यादा 4.8% रही, लेकिन चीन की रिटेल बिक्री में सालाना आधार पर 3.5% की गिरावट आई, जो जुलाई 2020 के बाद पहली बार है।

 

हालांकि इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन 5% रहा जो 4% के माध्यमिक पूर्वानुमान से ज्यादा है लेकिन यह जनवरी-फरवरी के दौरान 7.5% से कम है। वहीं निवेश ग्रोथ भी 9.3% रही जो साल के पहले दो महीनों के 12.2% से कम है। मार्च में सेमीकंडक्टर चिप का प्रोडक्शन 5.1% घटा है। चीन के विभिन्न ऑटो और इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट मैन्युफैक्चरर ने सप्लाई चेन का संकट पैदा होने की भी आशंका जताई है। इसका असर भारत में भी पड़ सकता है, क्योंकि भारत में सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट का काफी इंपोर्ट चीन से किया जाता है। भारत अपना 100% सेमीकंडक्टर इंपोर्ट करता है, जिसमें से आधे से ज्यादा चीन से होता है। इसके अलावा ऑटोमोबाइल, स्मार्टफोन, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे कई सेक्टर हैं जहां पर चीन से कंपोनेंट का इंपोर्ट होता है।

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