Edited By Tanuja,Updated: 08 Dec, 2020 03:49 PM
अमेरिक राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शासन में चीन और अमेरिका के संबंधों में तनाव बेहद बढ़ गया है। ताईवान, हांगकांग मुद्दों और कोरोना वायरस के अलावा ...
बीजिंगः अमेरिक राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शासन में चीन और अमेरिका के संबंधों में तनाव बेहद बढ़ गया है। ताईवान, हांगकांग मुद्दों और कोरोना वायरस के अलावा मानवाधिकारों के हनन व व्यापार मुद्दे पर भी दोनों देशों के बीच संबंध काफी खराब हुए हैं। ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग कई बार एक-दूसरे को देख लेने की चुनौती भी दे चुके हैं। ताजा रिपोर्ट के अनुसार प्रतिबंधों से बौखलाए चीन ने एक बार फिर अमेरिका को बदला लेने की खुली चेतावनी दी है कि जिस तरह से उसने चीन के 14 अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया है, वो भी उसके खिलाफ कदम उठाएगा और अमेरिका को जवाब देगा।
चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से अमेरिकी कदमों को गैरजरूरी बताया गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुवा चुईंग ने कहा है कि चीन अमेरिका को जवाब देने से पीछे नहीं हटेगा। चीन की तरफ से ये भी कहा गया है कि वो अपने देश की सीमाओं और संप्रभुता की रक्षा करने में सक्षम है। चीन की तरफ से ये बयान अमेरिका के उस फैसले के बाद आया है जिसके तहत चीन के अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाए हैं। अमेरिका का कहना है कि इन अधिकारियों ने चीन सरकार के इशारे पर हांगकांग की स्वायत्तता को कमजोर करने की कोशिश की है।
बता दें कि चीनी अधिकारियों पर अमेरिकी प्रतिबंधों का ये पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी अमेरिका ने चीन के मुस्लिम बहुल शिनजियांग में उइगर मुसलमानों के मानवाधिकार हनन के मामले में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के तीन वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया था। इसके जवाब में चीन ने भी अमेरिका के अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिया था। इससे पहले जब अमेरिका ने अपने यहां मौजूद चीन के काउंसलेट के अधिकारी को वापस भेजने का फैसला लिया था तब भी चीन ने अमेरिका को इसी भाषा में जवाब दिया था।
गौरतलब है कि ट्रंप प्रशासन में चीन और अमेरिका के संबंधों में जबरदस्त तल्खी देखने को मिली है। शुरुआत से ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन की वन चाइना पॉलिसी को आड़े हाथों लिया है। इसके अलावा व्यापार के मुद्दे पर भी दोनों देशों के बीच संबंध काफी खराब हुए हैं। बीते कुछ माह से अमेरिका ने चीन के प्रति बेहद सख्त रवैया अपनाते हुए न सिर्फ कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं बल्कि दूसरे देशों के साथ चीन को घेरने की भी पूरी कोशिश की है।