दुनिया की सबसे बड़ी सुरंग 'अटल टनल' से डरा चीन, गीदड़भभकी दे बोला- इसे PLA कर देगी बेकार

Edited By Yaspal,Updated: 05 Oct, 2020 05:18 PM

china scared by world s largest tunnel  atal tunnel

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण अटल टनल का उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने सुरंग का उद्घाटन करते हुए कहा था कि ये सुरंग देश के बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर की नई ताकत बनेगी। पीएम मोदी ने चीन...

बीजिंगः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण अटल टनल का उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने सुरंग का उद्घाटन करते हुए कहा था कि ये सुरंग देश के बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर की नई ताकत बनेगी। पीएम मोदी ने चीन को इशारों-इशारों में संदेश दिया और कहा कि बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर की कई परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और कई पर तेजी से काम चल रहा है। भारत के सीमाई इलाके में इन्फ्राक्ट्रक्चर मजबूत होता देख चीन भी बैचेन हो उठा है। चीन की सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने अटल टनल को लेकर अपना प्रोपेगैंडा छापा है और भारत को धमकी देने की कोशिश की है।

चीनी सरकार के अखबार ग्लोबल टाइम्स ने एक आर्टिकल छापा है और लिखा है कि भारत को अटल टनल बनाने से बहुत ज्यादा फायदा नहीं होने वाला है। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि चूंकि इलाका पहाड़ी क्षेत्र हैं और घनी आबादी वाला है इसलिए निर्माण सिर्फ सैन्य मकसद से किया गया है। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, अटल टनल खुलने से भारतीय सेना को सीमा पर कम समय में तैनात किया जा सकता है और इसके साथ ही सैन्य आपूर्ति भी इस सुरंग के जरिए ले जाई जा सकती है। ये सच है कि इस सुरंग के बनने से भारत के बाकी हिस्सों से लेह पहुंचने में अब कम वक्त लगेगा। सेना की तैनाती और रणनीतिक चैनल के रूप में इसकी काफी अहमियत है।

चीनी अखबार ने आगे लिखा है, शांतिपूर्ण वक्त में तो इस सुरंग से भारतीय सेना और आपूर्ति में बहुत मदद मिलेगी लेकिन जंग के वक्त, खासकर सैन्य संघर्ष में इससे कोई फायदा नहीं होने वाला है। चाइना पीपल्स आर्मी के पास इस सुरंग को बेकार करने का कई तरीके हैं। भारत और चीन के लिए यही बेहतर है कि दोनों एक-दूसरे के साथ शांतिपूर्ण तरीके से रहें।

अखबार ने भारत को संयम बरतने की सलाह देते हुए कहा है कि उसे किसी भी उकसावे वाली गतिविधि से बचना चाहिए। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, कोई भी सुरंग भारत की लड़ाकू क्षमता को नहीं बढ़ा सकती है। भारत और चीन की लड़ाकू क्षमता में निश्चित तौर पर बड़ा फर्क है, खासकर भारत की जंग करने की क्षमता बिल्कुल भी व्यवस्थित नहीं है। भारत चीन की क्षमता से अभी बहुत दूर है।

ग्लोबल टाइम्स ने अपने आर्टिकल में लिखा है, भारत चीन के साथ सटी सीमा पर सड़कें, पुल और अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास कर रहा है। डारबुक-दौलत बेग ओल्डी (डीएसडीबीओ) रोड 255 किमी लंबी सड़क है जिसका निर्माण पिछले साल पूरा हुआ है। इसे बनाने में भारत को दो दशक लग गए। ये सड़क लद्दाख तक जाती है. इन सड़कों के अलावा, भारत की सरकार ने भारत-चीन सीमा पर सामरिक नजरिए से अहम 73 सड़कों की पहचान की है जिन पर सर्दी में भी काम होता रहेगा।

 

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