साउथ चाइना सी में अमेरिका के एक्शन से डरा चीन, फाइटर जेट किए तैनात

Edited By Tanuja,Updated: 18 Jul, 2020 05:31 PM

china sends flanker fighter jets to south china sea

अमेरिका और चीन के बीच  दक्षिण चीन सागर को लेकर तल्खियां बढ़ती जा रही हैं। चीन के साउथ चाइना सी के विवादित क्षेत्र में 70 दिनों तक चलने वाले युद्धाभ्‍यास के जवाब में अमेरिका ने अपने दो एयरक्राफ्ट कैरियर और बड़ी संख्‍या में लड़ाकू विमान ...

इंटरनेशनल डेस्कः अमेरिका और चीन के बीच  दक्षिण चीन सागर को लेकर तल्खियां बढ़ती जा रही हैं। चीन के साउथ चाइना सी के विवादित क्षेत्र में 70 दिनों तक चलने वाले युद्धाभ्‍यास के जवाब में अमेरिका ने अपने दो एयरक्राफ्ट कैरियर और बड़ी संख्‍या में लड़ाकू विमान तैनात किए हैं। अमेरिका की इस कार्रवाई बौखलाए चीन ने भी अपने कृत्रिम द्वीपों पर फाइटर जेट तैनात कर दिए हैं जिससे इलाके में तनाव काफी बढ़ गया है। सैटलाइट से मिली तस्‍वीरों से पता चला है कि चीन ने दक्षिण चीन सागर में विवादित वूडी द्वीप समूह पर बनाए गए हवाई ठिकाने पर 8 फाइटर जेट तैनात किए हैं। इनमें से 4 जे-11Bs हैं और बाकी बमवर्षक विमान तथा अमेरिकी युद्धपोतों को निशाना बनाने में सक्षम फाइटर जेट हैं।

 

विशेषज्ञों के मुताबिक वूडी द्वीप समूह पर पहली बार इतनी बड़ी तादाद में फाइटर जेट तैनात किए गए हैं। यह सैन्‍य अड्डा परासेल द्वीप समूह में सबसे बड़ा सैन्‍य ठ‍िकाना है। यह इलाका चीन, वियतनाम और ताइवान से सटा हुआ है। इन चीनी विमानों के आने से साउथ चाइना सी का बहुत तेजी से सैन्‍यीकरण होता जा रहा है। दक्षिण चीन सागर में चीन की किसी भी नापाक हरकत का जवाब देने के लिए अमेरिका के जंगी जहाजों ने अब गुरुवार से दूसरे दौर का अभ्‍यास शुरू किया है। इसमें अमेरिका के दो एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस निमित्‍ज और यूएसएस रोनाल्‍ड रीगन हिस्‍सा ले रहे हैं। इससे पहले अमेरिकी जंगी जहाजों ने 4 से 10 जुलाई तक सैन्‍याभ्‍यास किया था।

 

अमेरिकी नौसेना के सातवें बेड़े के वाइस एडमिरल बिल मर्ज ने कहा, 'क्षेत्र के अन्‍य सहयोगी देशों की तरह अमेरिका के इन प्रयासों का मकसद दक्षिण चीन सागर में उड़ान भरने, इलाके से समुद्री जहाजों के गुजरने और अंतरराष्‍ट्रीय नियमों के मुताबिक संचालन करने में सहायता देना है।' विशेषज्ञों का मानना है कि चीन अमेरिकी विमानों का खतरा दिखाकर दक्षिण चीन सागर का सैन्‍यीकरण कर रहा है। इसी वजह से वह वूडी द्वीप पर और ज्‍यादा फाइटर जेट तैनात कर रहा है। उनका कहना है कि चीन हमेशा से ही इन कृत्रिम द्वीपों पर हथियार और फाइटर जेट तैनात करना चाहता था और अमेरिकी अभ्‍यास के बाद अब उसे ऐसा करने का मौका म‍िल गया है। इन विमानों की तैनाती के लिए चीन ने पहले से ही तैयारी करके रखी हुई है।

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