Edited By Tanuja,Updated: 07 Aug, 2018 11:47 AM
चीन ने अपने पहले मिसाइल भेदी हाइपरसोनिक विमान का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। यह विमान परमाणु हथियारों को ले जा सकता है और अपनी तेज रफ्तार व प्रक्षेपण से मौजूदा पीढ़ी की किसी मिसाइल रक्षा प्रणाली को भेद सकता है...
बीजिंग: चीन ने अपने पहले मिसाइल भेदी हाइपरसोनिक विमान का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। यह विमान परमाणु हथियारों को ले जा सकता है और अपनी तेज रफ्तार व प्रक्षेपण से मौजूदा पीढ़ी की किसी मिसाइल रक्षा प्रणाली को भेद सकता है। चीन के सरकारी मीडिया के मुताबिक शुक्रवार को उत्तरपश्चिम चीन में स्थित एक लक्षित सीमा में इस शिंगकांग-2 या स्टारी स्काई-2 का परीक्षण किया गया। यह विमान स्वतंत्र रूप से उड़ा और योजना के अनुसार लक्षित क्षेत्र में उतरा। इसे एक रॉकेट से लांच किया गया और करीब 10 मिनट बाद हवा में छोड़ा गया।
चीन एयरोस्पेस साइंस व टेक्नोलॉजी कॉर्प के तहत चीन की एकेडेमी ऑफ एयरोस्पेस एयरोडायनेमिक्स (सीएएए) ने एक बयान में कहा कि उड़ान वाहन 30 किमी की ऊंचाई तक पहुंचा। एक सैन्य जानकार सोंग झोंगपिंग ने बताया कि वेब राइडर एक उड़ान वाहन है, जो वायुमंडल में उड़ता है और अपने हाइपरसोनिक उड़ान द्वारा पैदा हुई शॉक वेब का इस्तेमाल हवा में तेज रफ्तार से जाने के लिए करता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, एंटी-मिसाइल रक्षा प्रणालियों की मौजूदा जनरेशन मुख्य रूप से क्रूज और बलिस्टिक मिसाइलों को रोकने के लिए डिजाइन की गई है, जिनके बारे में पता लगाना धीमा या आसान है और इसी कारण उन्हें रोकना संभव है।
लेकिन चीन का नया हाइपसॉनिक विमान इतना तेज उड़ता है कि यह मौजूदा ऐंटी मिसाइल डिफेंस प्रणालियों के लिए चुनौती है। विशेषज्ञों के मुताबिक, वेवराइडर को किसी भी रॉकेट से लॉन्च किया जा सकता है। इतना ही नहीं, वेवराइडर परमाणु और पारंपरिक हथियार दोनों ही ले जाने में सक्षम है। विशेषज्ञ कहते हैं कि इस परीक्षण से दिखता है कि चीन अब अमरीका और रूस की तर्ज पर ही खुद को विकसित कर रहा है। सैन्य इस्तेमाल के अलावा इसका आम लोगों या कामों के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। चीन, जिसने इस साल 175 अरब डॉलर का रक्षा बजट पेश किया था, अमरीका, रूस और यूरोपीय संघ से बराबरी के लिए डिफेंस रिसर्च और डिवेलपमेंट में काफी खर्च कर रहा है।