Edited By Tanuja,Updated: 08 Dec, 2020 02:12 PM
दुनिया पर कब्जे की नीयत रखने वाले चीन के लिए अमेरिका के नए राष्ट्रपति किसी खतरे से कम नहीं है। अपनी विस्तारवादी नीतियों के लिए दुनिया की ....
बीजिंगः दुनिया पर कब्जे की नीयत रखने वाले चीन के लिए अमेरिका के नए राष्ट्रपति किसी खतरे से कम नहीं है। अपनी विस्तारवादी नीतियों के लिए दुनिया की नजरों में खटक रहे चीन के लिए बेशक डोनाल्ड ट्रंप किसी बुरे सपने जैसे रहे लेकिन अब अमेरिका के नए राष्ट्रपति की गद्दी संभालने जा रहे 'जो बाइडेन' से भी ड्रैगन को खतरा नजर आ रहा है। चीन के एक बड़े थिंक टैंक के अनुसार बाइडेन प्रशासन चीन पर कई नए प्रतिबंध लगा सकता है जिससे अगले साल भी चीन की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लग सकता है।
यही वजह है कि बाइडेन के शपथ ग्रहण से पहले ही चीन को डर सताने लगा है। बाइडेन को अमेरिका की सत्ता मिलने से पहले ही चीन डैमेज कंट्रोल में जुट गया है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने सोमवार को कहा है कि बीजिंग और अमेरिका को सभी स्तरों पर बातचीत शुरू करनी चाहिए। अमेरिका-चीन व्यापार परिषद के निदेशक मंडल के साथ बैठक में वांग ने कहा कि चीन और अमेरिका को सभी स्तरों पर बातचीत शुरू करनी चाहिए । उन्होंने कहा कि चीनी पक्ष बातचीत के लिए हमेशा तैयार है और आपसी सहयोग को बढ़ावा देने और मतभेदों को सुलझाने के लिए विषयों की एक सूची का मसौदा तैयार कर सकते हैं।
चीन के विदेश मंत्री ने कहा कि कई क्षेत्रों में चीन और अमेरिका दोनों के साझा हित हैं, इसलिए दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों को मानव जाति की समृद्धि और स्थायी शांति के लिए बातचीत और सहयोग को बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि चीन-अमेरिका संबंधों का भविष्य वाशिंगटन द्वारा लिए गए सही फैसलों और दोनों पक्षों द्वारा उठाए गए कदमों पर टिका है। वांग ने संबोधन के दौरान संबंधों को मजबूत बनाने और विकास को बढ़ावा देने के लिए पांच प्रस्ताव रखे। जो प्रस्ताव रखे गए, उसमें विरोध और विवाद को सुलझाना, द्विपक्षीय संबंधों के लिए सार्वजनिक सहयोग बढ़ाना शामिल है।
इससे पहले कनाडा की एक पत्रिका ओटावा सिटीजन के लिए टेरी ग्लेविन ने लिखा था कि इस साल के शुरुआत में फरवरी में बाइडेन ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को ठग करार दिया था जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शी को महान नेता कहा था। यहां तक कि हांगकांग और शिनजियांग में उठे विरोध के लिए बीजिंग को जवाबदेह ठहराने से भी इनकार कर दिया गया। ग्लेविन ने लिखा है कि बाइडेन उइगरों के बड़े पैमाने पर कारावास उनके साथ हो रहे सलूक को एक नरसंहार घोषित कर चुके हैं।
बता दें कि चीन के सेंट्रल बैंक के पूर्व सलाहकार और वर्तमान में Tsinghua यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डेविड ली डोकुई ने एक इंटरव्यू में चीन सरकार को आगाह कर चुके हैं कि जो बाइडेन भी ट्रंप की तरह चाइना के प्रति सख्त रूख अख्तियार कर सकते हैं। उन्होंने जो बाइडेन प्रशासन के खतरे गिनाते हुए कहा कि वे अमेरिका में ऐसी कई नीतियां लागू कर सकते हैं, जिनसे चीन के उद्योगों को सीधे तौर पर नुकसान पहुंचेगा। डेविड ली डोकुईने कहा कि ,'अगला साल चीन की विदेश नीति, उद्योग और कंपनियों के लिए चुनौती भरा रहने वाला है। हालांकि अच्छी बात ये है कि ट्रंप प्रशासन की तुलना में बाइडेन प्रशासन के साथ बात करना ज्यादा आसान रहेगा। '