21 साल पहले बेकसूर को दी मौत की सजा, अब सुप्रीम कोर्ट ने बदला फैसला(Pics)

Edited By ,Updated: 03 Dec, 2016 01:11 PM

china supreme court revokes the sentence of a man executed 21 years ago

बलात्कार और हत्या के जुर्म में एक व्यक्ति को मौत की नींद सुलाए जाने के दो दशक से भी अधिक समय बाद चीन की सुप्रीम कोर्ट ने आज इस व्यक्ति की दोषसिद्धि...

बीजिंग:बलात्कार और हत्या के जुर्म में एक व्यक्ति को मौत की नींद सुलाए जाने के दो दशक से भी अधिक समय बाद चीन की सुप्रीम कोर्ट ने आज इस व्यक्ति की दोषसिद्धि बिल्कुल पलट दी।इससे इस कम्युनिस्ट देश की अपराध न्याय प्रणाली की विसंगतियां उजागर हुई हैं।  

चीन की सरकारी एजेंसी शिन्हुआ की खबर के अनुसार, निए शुबिन 1995 में 20 साल का था, जब उसे बालात्कार और हत्या के जुर्म में मृत्युदंड के तहत गोलियां से भून दिया गया था।लेकिन सुप्रीम कोर्ट के तहत दूसरी सर्किट अदालत ने आज 21 साल बाद यह फैसला पलट दिया।अदालत ने बलात्कार और हत्या के करीब दो दशक पुराने इस मामले पर इस चिंता के आधार पर फिर से सुनवाई की कि सबूत पर्याप्त नहीं थे।इस मामले में निए को दोषी पाया गया था और उसे मृत्युदंड दिया गया था।

उल्लेखनीय है कि हेबेई प्रांत के रहने वाले निए को एक महिला के साथ बलात्कार करने और उसकी हत्या करने का दोषी पाया गया था।हेबेई प्रांत के उत्तरी शहर शिजीयाजुआंग के बाहरी इलाके में मक्के के खेत से उस महिला का शव उसके पिता ने बरामद किया था।वर्ष 2005 में एक अन्य व्यक्ति ने यह अपराध स्वीकार किया था।दिसंबर 2014 में हेबेई की उच्च जन अदालत में एक आवेदन आने पर दिसंबर 2014 में एसपीसी ने शेडोंग की उच्च न्यायालय को इस मामले की फिर से सुनवाई करने के लिए कहा।शेडोंग अदलात में पांच सदस्यीय पैनल ने समीक्षा की और पाया कि मूल सुनवाई के दौरान पेश किए गए सबूत से अकाट्य रूप से यह पहचान नहीं हो पाई कि निए ही गुनाहगार था। जांच में कई बड़ी विसंगतियां थीं।इस तरह पैनल ने अदालत कक्ष में भावुक माहौल में निष्कर्ष निकाला कि सबूत संदेह से परे नहीं है और मामले की फिर से सुनवाई की जाए।


अब बेटे की आत्मा को मिल सकेगी शांति
निए की मां झांग हुआंझी ने कहा,'मैं अपने बेटे को बताना चाहती थी,कि तुम अच्छे व्यक्ति हो, तुम निर्दोष हो।' निए जिंदा होते तो इस साल 42 साल के होते। बेटे को मृत्युदंड मिलने के बाद उसके पिता नेई झुशेंग ने आत्महत्या की कोशिश की थी, लेकिन वह बच गए थे। उन्होंने बीजिंग टाइम्स से कहा, 'अब मेरे बेटे की आत्मा को शांति मिल सकती है।'
 

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