Edited By Tanuja,Updated: 31 Oct, 2018 11:59 AM
चीन ने लुप्त होने की कगार पर पहुंचे बाघ और गैंडों के अंगों के प्रयोग पर प्रतिबंध को हटाते हुए उनके औषधीय इस्तेमाल की अनुमति दे दी है...
बीजिंगः चीन ने लुप्त होने की कगार पर पहुंचे बाघ और गैंडों के अंगों के प्रयोग पर प्रतिबंध को हटाते हुए उनके औषधीय इस्तेमाल की अनुमति दे दी है। इनके अवैध व्यापार पर लगाम कसने के लिए चीन ने 1993 में यह प्रतिबंध लगाया था।
चीन के इस कदम की वन्यजीव कार्यकर्ताओं ने आलोचना की है। वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) ने चीन से इस कदम को वापस लेने का अनुरोध किया है। चीन की स्टेट काउंसिल ने सोमवार को कहा कि बाघ और गैंडे के अंगों का उपयोग अब चिकित्सा क्षेत्र में शोध और औषधीय उद्देश्य के लिए हो पाएगा। स्टेट काउंसिल ने इसके साथ ही स्पष्ट किया कि इन जानवरों के अंगों के अवैध व्यापार पर प्रतिबंध जारी है और इसका उल्लंघन करने वालों को सख्त सजा दी जाएगी।
चीन की परंपरागत चिकित्सा प्रणाली में बाघ की हडिड्यों और गैंडे के सींगों समेत वन्यजीवों के अंगों का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर होता है। वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ चायनीज मेडिसिन सोसायटी हालांकि कह चुकी है कि बाघों की हड्डियों का कोई खास औषधीय प्रमाण नहीं मिलता है।