Edited By Tanuja,Updated: 31 Oct, 2018 01:28 PM
अंटार्कटिक महाद्वीप में शोध कर रहे अपने वैज्ञानिकों को तेजी से रसद पहुंचाने के लिए चीन दक्षिणी ध्रुव में अपना पहला स्थायी हवाई अड्डा बनाएगा। इससे हवाई सुरक्षा प्रणाली में भी मदद मिलेगी।
बीजिंगः अंटार्कटिक महाद्वीप में शोध कर रहे अपने वैज्ञानिकों को तेजी से रसद पहुंचाने के लिए चीन दक्षिणी ध्रुव में अपना पहला स्थायी हवाई अड्डा बनाएगा। इससे हवाई सुरक्षा प्रणाली में भी मदद मिलेगी। चीन इसके साथ ही अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के क्लब में शामिल हो जाएगा, जिनके अंटार्कटिक में पहले से ही एयरपोर्ट हैं। अंटार्कटिक के लिए चीन का 35वां अभियान दल शुक्रवार को रवाना हो गया।
इस अभियान का मुख्य मकसद अंटार्कटिक पर हवाई अड्डा बनाना है। यह हवाई अड्डा चीन निर्मित झोंगशान स्टेशन से 28 किलोमीटर दूर बनाए जाने की संभावना है। अपने 25वें अभियान के तहत चीन वर्ष 2009 में अंटार्कटिक पर चार किलोमीटर लंबी और 50 मीटर चौड़ी हवाई पट्टी बना चुका है।
चीन के ध्रुवीय अनुसंधान संस्थान के निदेशक झांग जिया ने सोमवार को कहा, "इस एयरपोर्ट पर मध्यम और बड़े विमान उड़ान भरने और उतरने में सक्षम होंगे। इससे परिवहन समय के साथ क्षमता में बढ़ोत्तरी होगी।" हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि अंटार्कटिक में एयरपोर्ट बनाना आसान नहीं है, क्योंकि वहां की 99.5 फीसद जमीन बर्फ से ढकी है।