Edited By Pardeep,Updated: 13 Jun, 2022 10:37 PM
सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर ने यूक्रेन युद्ध के पहले 100 दिनों में शीर्ष रूसी ईंधन आयातकों की सूची जारी की है। रूसी ईंधन आयात में 12.6 बिलियन के साथ चीन सूची में सबसे ऊपर है जबकि भारत (3.4 बिलियन) शीर्ष 10 में ...
इंटरनेशनल डेस्कः सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर ने यूक्रेन युद्ध के पहले 100 दिनों में शीर्ष रूसी ईंधन आयातकों की सूची जारी की है। रूसी ईंधन आयात में 12.6 बिलियन के साथ चीन सूची में सबसे ऊपर है जबकि भारत (3.4 बिलियन) शीर्ष 10 में शामिल है। रिपोर्ट से पता चलता है कि रूसी कच्चे तेल के निर्यात में भारत की हिस्सेदारी युद्ध से पहले 1% से बढ़कर मई में 18% हो गई है। यूरोपीय संघ ने € 93 बिलियन के कुल रूसी ईंधन निर्यात का 61% हिस्सा लिया।
रूस से ईंधन के आयात में रिकॉर्ड वृद्धि के बावजूद, भारतीय आयात का चीन या जर्मनी से 20% हिस्सा था। सबसे बड़े आयातक चीन (€ 12.6 बिलियन), जर्मनी (€ 12.1 बिलियन), इटली (€ 7.8 बिलियन), नीदरलैंड (€ 7.8 बिलियन), तुर्की (€ 6.7 बिलियन), पोलैंड (4 4.4 बिलियन), फ्रांस (€ 4.3) थे। अरब), भारत (3.4 अरब) और बेल्जियम (€ 2.6 अरब), डेटा दिखाता है।
संगठन द्वारा प्रकाशित आंकड़े बताते हैं कि जर्मनी रूसी ऊर्जा, विशेष रूप से प्राकृतिक गैस पर बहुत अधिक निर्भर है।गौरतलब है कि रूस उन देशों को जहाज द्वारा अधिक तेल निर्यात कर रहा है जहां उसके पास पाइपलाइन नहीं है, टैंकरों की अत्यधिक मांग है।