SADF ने चीन में मुस्लिमों पर अत्याचारों के खिलाफ उठाई आवाज, पाकिस्तान की चुप्पी पर खड़े किए सवाल

Edited By Tanuja,Updated: 10 Oct, 2020 04:23 PM

china want world to turn a blind eye on persecution of islam in turkestan

दक्षिण एशियाई लोकतांत्रिक मंच (SADF) द्वारा गुरुवार को ''ईस्ट तुर्केस्तान में इस्लाम के उत्पीड़न'' पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया, जिसमें ...

बीजिंगः दक्षिण एशियाई लोकतांत्रिक मंच (SADF) द्वारा गुरुवार को 'ईस्ट तुर्केस्तान में इस्लाम के उत्पीड़न' पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने पूर्वी तुर्केस्तान में चीन द्वारा किए जा रहे घोर मानवाधिकारों के उल्लंघन पर चर्चा की और खुद को इस्लाम और मुसलमानों के मसीहा बताने वाले पाकिस्तान जैसे देशों की चुप्पी पर सवाल उठाए। कार्यक्रम का संचालन कार्यकारी निदेशक पाउला कासाका ने किया।

 

कैंपेन फॉर उइगर (CFU) के कार्यकारी निदेशक रशन अब्बास ने कहा कि पूर्वी तुर्केस्तान में चीन द्वारा धर्म और इस्लामी प्रथाओं की स्वतंत्रता का दमन किया जा जा रहा है। चीन ने पूर्वी तुर्किस्तान क्षेत्र की एक तिहाई मस्जिदों को नष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा कि "पाकिस्तान जैसा मुस्लिम बहुसंख्यक देश कब तक निवेश के रूप में चीनी रक्त धन प्राप्त करता रहेगा। उन्होंने सभी देशों से चीन के उइगर नरसंहार के खिलाफ सख्त कदम उठाने का आग्रह किया।

 

गिलगित बाल्टिस्तान अध्ययन संस्थान के अध्यक्ष सेंज सेरिंग ने कहा कि चीन और पाकिस्तान मिलकर गिलगित बाल्टिस्तान में असंतुष्टों के परिवारों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों को निशाना बना रहे हैं। तिब्बत और शिनजियांग में चीन का आर्थिक शोषण और सांस्कृतिक नरसंहार पूरी दुनिया जानती है। और चीन की नीति अब पाकिस्तान में पश्तून क्षेत्रों, गिलगित बाल्टिस्तान और बलूचिस्तान में कोरोनवायरस की तरह फैल रही है।

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