चीनी विदेश मंत्री ने नेपाल की राष्ट्रपति से मुलाकात की, अमेरिका को लेकर किया आगाह

Edited By Tanuja,Updated: 29 Mar, 2022 03:12 PM

china warns nepal of external interference threat in us grant wake

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने रविवार को नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी से मुलाकात कर द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। समाचार..

काठमांडूः चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने रविवार को नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी से मुलाकात कर द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की और अमेरिका की रणनीति को लेकर आगाह किया। समाचार पत्र 'माय रिपब्लिका' की खबर के अनुसार वांग ने दो पूर्व प्रधानमंत्रियों- CPN-UML के अध्यक्ष के पी शर्मा ओली और CPN (माओवादी सेंटर) के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल 'प्रचंड'- से भी अलग-अलग मुलाकात की  ।  राष्ट्रपति भंडारी के साथ बातचीत के दौरान वांग ने "नेपाल-चीन संबंधों   के विभिन्न पहलुओं पर सहयोग पर चर्चा की  ।

 

राष्ट्रपति के संचार सलाहकार टिका ढकाल ने कहा, ''यह शिष्टाचार मुलाकात थी।   ढकाल ने बताया कि बैठक के दौरान विदेश मंत्री वांग यी ने राष्ट्रपति को नेपाल और चीन के बीच हस्ताक्षर किए गए समझौतों से अवगत कराया।  भंडारी ने वांग को बताया कि काठमांडू नेपाल-चीन संबंधों को बहुत महत्व देता है । उन्होंने नेपाल को समर्थन देने के लिए चीनी सरकार का आभार व्यक्त किया।'' ओली और दहल से मुलाकात के दौरान  वांग ने कहा कि अमेरिकी रणनीतिक रूप से आगे बढ़ रहे हैं और विभिन्न रणनीतियों के तहत चीन के आसपास के देशों में प्रवेश कर रहे हैं।

 

चीनी विदेश मंत्री ने कहा, अमेरिकी रणनीतिक रूप से विभिन्न नामों के तहत चीन के आसपास के देशों में प्रवेश कर रहे हैं, यही कारण है कि अमेरिका सैन्य रणनीति के माध्यम से अपना प्रभाव बढ़ा रहा है। वे चीन में प्रवेश करना चाहते हैं। नेपाल जैसे अच्छे पड़ोसियों की वजह से वे चीन के अंदर पैठ नहीं बना पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि चीनी लोगों की एकता ने अमेरिकी योजना को सफल नहीं बनाया है। वांग ने कहा कि उनका देश नेपाल की 'वन चाइना' नीति से खुश है।

 

ओली ने वांग के साथ बैठक के दौरान चीनी सरकार से बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) से संबंधित रेलवे, सिंचाई, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाने का आग्रह किया। वांग ने इसपर पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और कहा कि वे नेपाल के विकास और समृद्धि के लिए सहयोग करने को तैयार हैं। उन्होंने बीआरआई से संबंधित परियोजनाओं को शुरू करने में योगदान का आश्वासन दिया।

 

प्रचंड ने वांग के साथ अपनी बैठक के दौरान चीन से बीआरआई के तहत पहले से सहमति प्राप्त भौतिक बुनियादी ढांचे से संबंधित परियोजनाओं को तेजी से लागू करने का आग्रह किया। इन बैठकों के बाद वांग चीन  रवाना हो गए। बता दें कि नेपाल ने 2017 में बीआरआई पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन विभिन्न कारणों से एक भी परियोजना शुरू नहीं हुई है। प्रधानमंत्री देउबा ने नेपाल की लंबे समय से चली आ रही 'वन-चाइना' नीति को दोहराते हुए कहा कि उनका देश बीजिंग से अधिक निवेश और अनुदान आधारित परियोजनाओं की तलाश कर रहा है। 

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