चीन भारतीय सीमा पर अपने सैनिकों को अमरीकी तकनीक से करेगा लैस

Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Feb, 2018 07:04 PM

china will equip its troops on american border with american technology

चीन ने भविष्य की ‘सूचना प्रौद्योगिकी आधारित लड़ाई’ की तैयारी के लिए भारत से लगी सीमा पर तैनात पीएलए की एक शाखा को अमरीकी शैली वाली समेकित व्यक्तिगत सैनिक लड़ाकू प्रणाली से लैस किया है। मीडिया की खबरों में ऐसा कहा गया है।हाल के वर्षो में चीन सेना...

बीजिंग: चीन ने भविष्य की ‘सूचना प्रौद्योगिकी आधारित लड़ाई’ की तैयारी के लिए भारत से लगी सीमा पर तैनात पीएलए की एक शाखा को अमरीकी शैली वाली समेकित व्यक्तिगत सैनिक लड़ाकू प्रणाली से लैस किया है। मीडिया की खबरों में ऐसा कहा गया है।

हाल के वर्षो में चीन सेना युद्ध के मैदान में आईटी, डिजिटल और आर्टिफिशियल इंटेलीजेस ऐप्लिकेशंस के इस्तेमाल के लिए ‘सूचना प्रौद्योगिकी आधारित युद्ध’ शब्द का इस्तेमाल करने लगी है।

स्काई वुल्फ कमांडो को  किया गया क्यूटीएस- 11 सिस्टम से लैस
चाइना सेंट्रल टेलीविजन (सीसीटीवी) से संबद्ध शाखा वीहुटांग ने खबर दी है कि वेस्टर्न थियेटर कमान में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के स्पेशल ऑपरेशन फोर्सेज के स्काई वुल्फ कमांडो को उनके प्रशिक्षण में क्यूटीएस- 11 सिस्टम से लैस किया गया है। वेस्टर्न थियेटर कमान भारत से लगती 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा की जिम्मेदारी संभालती है।

चीनी विशेषज्ञों के अनुसार क्यूटीएस -11 अमरीकी सैनिकों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली प्रणाली की तरह है। चीनी सैन्य विशेषज्ञ सोंग जोंगपिंग ने सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स से कहा कि ‘दुनिया में सबसे मजबूत व्यक्तिगत आग्नेयास्त्र’ बताए जाने वाला क्यूटीएस -11 न केवल आग्नेयास्त्र पर काबू पा लेता है बल्कि यह खोज एवं संवाद सुविधाओं से लैस पूर्ण डिजिटलीकृत समेकित व्यक्तिगत सैनिक लड़ाकू प्रणाली है। राइफल और 20 मिलीमीटर ग्रेनेड लांचर वाली यह प्रणाली लक्ष्य के अंदर के सैन्यकर्मियों को नष्ट करने में सक्षम है।

एक जैसी प्रणाली लेकिन अमरीका से तुलना नहीं
सोंग ने कहा कि अमरीका और चीन की यह प्रणाली एक जैसी है लेकिन तुलनीय नहीं है। स्पेशल ऑपरेशन फोर्स इस प्रणाली को परखने वाली पहली सैन्य इकाई है। बाद में उसे अन्य इकाइयों में ले जाया जाएगा। भारत के साथ लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा पर इस नई प्रणाली की तैनाती की सरकारी मीडिया की घोषणा से कुछ दिन पहले वहां वायुरक्षा पांत समुन्नत करने की खबर आई थी। इसे यहां सैन्य पर्यवेक्षक पीएलए द्वारा मनोवैज्ञानिक युद्ध अख्तियार करने के रूप में देखते हैं।

ग्लोबल टाइम्स ने पहले एक विशेषज्ञ के हवाले से खबर दी थी कि एलएसी पर जे-10 और जे -11 जैसे लड़ाकू विमानों की तैनाती का लक्ष्य भारत द्वारा नए लड़ाकू विमान की खरीद के आलोक में उससे उत्पन्न खतरे से निबटने पर लक्षित है। यह संभवत: भारत के राफेल विमानों की खरीद के संदर्भ में था। चीनी सेना ने 73 दिनों तक चले डोकलाम गतिरोध के दौरान मीडिया में जोर-शोर से अपना प्रचार अभियान चलाया था। 

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