डोकलाम विवाद के बाद चीन का तिब्बत में सैन्य अभ्यास

Edited By shukdev,Updated: 30 Jun, 2018 05:26 AM

chinas military exercises in tibet after the docalm controversy

चीन लगातार भारत से लगती अंतराष्ट्रीय सीमाओं पर अपना सैन्य अभ्यास कर रहा है। डोकलाम में 70 दिनों तक चले गतिरोध के बाद चीन ने तिब्बत में सैन्य अभ्यास किया। तिब्बत में तैनात चीनी सेना ने दूरवर्ती हिमालयी क्षेत्र में अपने साजोसामान, हथियारों को समर्थन...

बीजिंग : चीन लगातार भारत से लगती अंतराष्ट्रीय सीमाओं पर अपना सैन्य अभ्यास कर रहा है। डोकलाम में 70 दिनों तक चले गतिरोध के बाद चीन ने तिब्बत में सैन्य अभ्यास किया। तिब्बत में तैनात चीनी सेना ने दूरवर्ती हिमालयी क्षेत्र में अपने साजोसामान, हथियारों को समर्थन देने की क्षमताओं और सैन्य-असैन्य एकीकरण का निरीक्षण करने के लिए अभ्यास किया। आधिकारिक मीडिया ने शुक्रवार कों एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने मंगलवार को यह अभ्यास किया जो डोकलाम गतिरोध के बाद से तिब्बत में इस तरह का पहला अभ्यास है।
PunjabKesari
पिछले साल 4,600 मीटर की ऊंचाई पर 13 घंटे तक किया था अभ्यास 
अभ्यास की जानकारी देने वाले चीन के सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पीएलए ने पिछले साल अगस्त में 4,600 मीटर की ऊंचाई पर 13 घंटे तक अभ्यास किया था। रिपोर्ट में बताया गया है कि विश्लेषकों ने मंगलवार को किए गए अभ्यास की प्रशंसा करते हुए इसे सैन्य-असैन्य एकीकरण की ओर महत्वपूर्ण कदम बताया और नए युग में मजबूत सेना का निर्माण करने के देश के लक्ष्य को हासिल करने की रणनीति बताया। यह अभ्यास स्थानीय कंपनियों और सरकार के सहयोग से किया गया।
PunjabKesari
अभ्यास की मुख्य बात सैन्य-असैन्य एकीकरण की रणनीति है जो तिब्बत में अहम बात है जहां दलाई लामा की विरासत अब भी कायम है। रिपोर्ट में कहा गया है कि तिब्बत के पठार में विषम जलवायु है और उसकी भौगोलिक स्थिति भी जटिल है। लंबे समय से वहां सैनिकों को साजोसामान और हथियार सहयोग मुहैया कराना बहुत मुश्किल है।

चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने कमांड लॉजिस्टिक सपोर्ट डिपार्टमेंट के प्रमुख झांग वेनलोंग के हवाले से बताया कि विषम परिस्थितियों में सैनिकों के बचे रहने, आपूर्ति , बचाव, आपात रखरखाव और सड़क सुरक्षा में परेशानियों को हल करने के लिए सेना ने सैन्य-असैन्य एकीकरण की रणनीति अपनाई है। 
PunjabKesari
अत्यधिक ऊंचाई पर लड़ाई में सबसे बड़ी चुनौती:चीनी सैन्य विशेषज्ञ 
सैन्य विशेषज्ञ सोंग झोंगपिंग ने ग्लोबल टाइम्स से कहा, ‘अत्यधिक ऊंचाई पर लड़ाई में सबसे बड़ी चुनौती सतत साजोसामान और हथियार को सहयोग मुहैया कराना है। वर्ष 1962 में चीन-भारत सीमा संघर्ष में चीन पर्याप्त साजोसामान मुहैया ना होने की वजह से इस जीत का पूरा फायदा उठाने में विफल रहा। हालांकि स्थानीय तिब्बती निवासियों ने अस्थायी सहयोग के तौर पर सैनिक मुहैया कराए लेकिन वह सतत नहीं था।’ उन्होंने कहा, ‘यह अभ्यास दिखाता है कि सैन्य-असैन्य एकीकरण साध्य रणनीति है और यह मजबूत युद्ध शक्ति बनाने में मदद कर सकती है।’

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!