चीन को मिली बड़ी सफलता, अंतरिक्ष प्रयोगशाला से जुड़ा पहला कार्गो अंतरिक्षयान

Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Sep, 2017 10:40 AM

chinese cargo spacecraft completes automated fast docking with space lab

चीन के पहले कार्गो अंतरिक्षयान तिआनझोऊ-1 ने कक्षा में स्थापित अंतरिक्ष प्रयोगशाला तिआनगोंग-2 के साथ स्वचालित त्वरित डॉकिंग की प्रक्रिया पूरी कर ली है। पृथ्वी से नियंत्रित अंतरिक्षयान...

बीजिंग: चीन के पहले कार्गो अंतरिक्षयान तिआनझोऊ-1 ने कक्षा में स्थापित अंतरिक्ष प्रयोगशाला तिआनगोंग-2 के साथ स्वचालित त्वरित डॉकिंग की प्रक्रिया पूरी कर ली है। पृथ्वी से नियंत्रित अंतरिक्षयान तिआनझोऊ-1 ने कल शाम 5:24 बजे तिआनगोंग-2 की ओर बढ़ना प्रारंभ किया और अंतरिक्ष प्रयोगशाला में त्वरित गति से डॉकिंग में इसने साढ़े 6 घंटे का वक्त लिया।
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त्वरित गति से डॉकिंग तकनीक के जरिए दो अंतरिक्षयानों के बीच जुड़ने की यह तीसरी घटना है। इससे पहले डॉकिंग में करीब 2 दिन का वक्त लगा था। चीनी वैज्ञानिक अपने स्थाई अंतरिक्ष स्टेशन के लिए डॉकिंग तकनीक में निपुणता हासिल करने के लिए अंतरिक्ष प्रयोगशाला का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह अभी प्रायोगिक चरण में है। इस स्थाई अंतरिक्ष स्टेशन के 2022 तक तैयार हो जाने की उम्मीद है।
PunjabKesariतिआनझोऊ-1 को चीन के हैनान प्रांत से 20 अप्रैल को प्रक्षेपित किया गया था और इसने कक्षा में स्थापित प्रयोगशाला तिआनगोंग-2 के साथ पहली डॉकिंग 22 अप्रैल को और दूसरी डॉकिंग 19 जून को की थी। यह अंतरिक्षयान पृथ्वी पर लौटने से पहले अंतरिक्ष वेधशाला में तीसरी बार में ईंधन भरने का काम करेगा।
PunjabKesariगौरतलब है कि रूस और अमरीका के बाद चीन तीसरा ऐसा देश है जिसने अंतरिक्ष में ईंधन भरने की तकनीकों में निपुणता हासिल की है जो कि स्थाई अंतरिक्ष प्रयोगशाला के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है।  

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