Edited By Tanuja,Updated: 10 Dec, 2020 10:48 AM
चीनी कंपनी सिनोफार्म की प्रायोगिक कोविड-19 वैक्सीन वायरस की रोकथाम में 86 फीसदी प्रभावी साबित हुई है। संयुक्त अरब अमीरात में चल रहे ...
बीजिंगः चीनी कंपनी सिनोफार्म की प्रायोगिक कोविड-19 वैक्सीन वायरस की रोकथाम में 86 फीसदी प्रभावी साबित हुई है। संयुक्त अरब अमीरात में चल रहे परीक्षण के अंतरिम विश्लेषण के बाद स्वास्थ्य और रोकथाम मंत्रालय ने इसे आधिकारिक रजिस्ट्रेशन का ऐलान कर दिया है। 86 फीसदी असरदार होने का खुलासा मानव परीक्षण के शुरुआती नतीजे सामने आने के बाद किया गया। हालांकि, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सावधान किया है कि तीसरे चरण के मानव परीक्षण के नतीजों की अभी और जानकारी की जरूरत है।
इससे पहले फाइजर वैक्सीन की सबसे पहले ब्रिटेन में इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दी है। वहां पर बड़ी तादाद में लोगों का टीकाकरण भी शुरू हो चुका है। इसके अलावा फाइजर के वैक्सीन के इस्तेमाल की बहरीन ने भी अपने यहां पर इजाजत दे दी है। फाइजर को मंजूरी मिलने के बाद कनाडा में कोरोना वैक्सीन लगने की प्रक्रिया तेज हो गई है। अगले सोमवार तक 30,000 डोज 14 शिपमेंट के जरिए देश में पहुंच जाएंगे वहीं कनाडा को इस महीने 5 लाख 49 हजार वैक्सीन की खुराक मिलेगी और मार्च तक 40 लाख वैक्सीन के डोज उपलब्ध हो पाएगी।
स्वास्थ्य विभाग की तरफ से यह कहा गया है कि वैक्सीन अभी 16 साल या उससे ऊपर के लोगों को दी जाएगी, लेकिन फाइजर और बायएनटेक की तरफ से सभी आयु वर्ग के बच्चों पर इसका क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है और वह बदल सकता है। रूस में भी कोरोना वैक्सीन लगाने का काम शुरू हो गया है। पिछले हफ्ते रूस की राजधानी मॉस्को में इस मुहिम की शुरुआत हुई। ये वैक्सीन सबसे पहले उन लोगों को दी जा रही है जिनके संक्रमित होने का खतरा ज्यादा है।