Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Jun, 2017 05:11 PM
शायद ऐसा पहला मौका होगा जब चीन की सेना पाकिस्तान के अंदर घुसकर सैन्य कार्रवाई कर सकती है...
बीजिंगः शायद ऐसा पहला मौका होगा जब चीन की सेना पाकिस्तान के अंदर घुसकर सैन्य कार्रवाई कर सकती है। जी हां, ये सुनकर आपको हैरानी जरूर होगी लेकिन बात बिल्कुल सच है। जिसे चीन अपना सबसे करीबी दोस्ता मानता है और हर वक़्त उसके साथ खड़ा रहता है आज उसी देश में इस बात की मांग जोर पकड़ती जा रही है कि पाकिस्तान में जवानों को भेजकर वहां पर सैन्य कार्रवाई की जाए। अब आप सोच रहे होंगे कि भला पाकिस्तान के अंदर कैसी सैन्य कार्रवाई की मांग हो रही है।
दरअसल, पिछले दिनों पाकिस्तान के अशांत इलाके ब्लूचिस्तान के अंदर दो चीनी नागिरकों की बड़ी ही बेहरमी से हत्या कर दी गई। इस हत्या की जिम्मेदारी ISIS की न्यूज़ एजैंसी अमाक ने लेते हुए 9 जून को इसका दावा किया। न्यूज एजैंसी ने बताया था हथियारबंद लोग उसके जिहादी थे और अगवा किए गए चीनी नागरिकों की हत्या कर दी गई है। ली जिंग यांग (24) और मेंग ली सी (26) नाम के दोनों नागरिकों को 24 मई को हथियारबंद लोगों ने क्वेटा से अगवा किया था। इससे बौखलाए चीन के नागरिक पहली बार इस तरह की मांग करते हुए पाकिस्तान में अपनी सेना को भेजकर आईएसआईएस के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
अपने 2 नागरिकों की पाकिस्तान में हत्या से बौखलाए चीन के लोगों में भारी रोष देखा जा रहा है। चीन की ट्विटर जैसी सोशल मीडिया वीबो पर चीनियों ने अपने गुस्से का इजहार करते हुए चीनी नागरिकों की हत्या का बदला लेने को कहा है। हांगकांग स्थित अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने ऐसा जानकारी दी है। एक नागरिक ने कहा कि हमें ISIS के खिलाफ युद्ध शुरू करना चाहिए। जबकि, एक अन्य ने लिखा कि हिंसा के खिलाफहिंसा से लड़ाई करने का यह समय है।
बलूचिस्तान में 2 चीनी नागरिकों की हत्या को लेकर पाकिस्तान और चीन के बीच तनातनी की ख़बर लोगों के सामने आयी। पाकिस्तान ने कहा है कि दोनों चीनी नागरिक धर्म प्रचारक थे, जिन्होंने व्यापारी होने की गलत जानकारी देकर वीजा हासिल किया था। चीन नागरिकों की हत्या के बाद जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग दोनों कजाखिस्तान के राजधानी अस्ताना में एक मंच पर मिले वहां जिनपिंग ने नवाज की तरफ से देखा तक नहीं। जिसके बाद मीडिया में ऐसी अटकले लगने लगी की चीनी राष्ट्रपति पाकिस्तान से इस मुद्दे को लेकर बेहद खफा हैं।