अपने हवाई क्षेत्र में घुसे चीनी लड़ाकू विमानों पर ताइवान ने दागी मिसाइलें, डोंगशा द्वीप पर भी भेजे सैनिक

Edited By Tanuja,Updated: 11 Aug, 2020 12:26 PM

chinese fighter aircraft enter taiwan fleeing seeing missiles

चीन अपनी महत्वाकांशी विस्तारवादी नीतियों के कारण पूरी दुनिया के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। यही कारण है कि इसकी साजिशें भारत सहित सभी पड़ोसी देशों के लिए खतरा बनी हुई हैं ...

इंटरनेशनल डेस्कः चीन अपनी महत्वाकांशी विस्तारवादी नीतियों के कारण पूरी दुनिया के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। यही कारण है कि इसकी साजिशें भारत सहित सभी पड़ोसी देशों के लिए खतरा बनी हुई हैं और उस पर भरोसा करना नामुमकिन होता जा रहा है । उच्चस्तरीय अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल द्वारा 40 साल बाद ताइवान दौरे से चिढ़े चीन ने अब अपने लड़ाकू विमानों को ताइवान के हवाई क्षेत्र में घुसाने की कोशिश की। लेकिन ताइवान ने अपने हवाई क्षेत्र में घुसे चीनी लड़ाकू विमानों को सबक सिखाते हुए   मिसाइलें दाग कर  उन्हें वापस खदेड़ दिया।

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इसके अलावा ताइवान की सेना ने चीन के दावे वाले डोंगशा द्वीपसमूह पर और अधिक नौसैनिक भेजे हैं। उसने यह कदम उस खबर के बाद उठाया है, जिसमें कहा गया है कि चीन कथित तौर पर इस द्वीप समूह पर एक नकली आक्रमण (मॉक इनवेशन) को अंजाम देने की योजना बना रहा है। बता दें कि इस संबंध में सोमवार को जापान की क्योदो न्यूज एजेंसी ने PLA नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ली डागुआंग द्वारा हांगकांग की एक पत्रिका में लिखे गए लेख का हवाला दिया था। इसमें दावा किया गया था कि PLA नौसेना डोंगशा द्वीपसमूह पर नकली आक्रमण से पहले चीन के हैनान द्वीप पर युद्धाभ्यास करेगी। हालांकि बाद में ली ने अपने लेख का यह कहते हुए खंडन कर दिया कि वह क्योदो न्यूज एजेंसी द्वारा पूर्व में प्रकाशित लिखे लेख का उल्लेख कर रहे थे।

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दरअसल, चीन अमेरिकी स्वास्थ्य मंत्री एलेक्स अजार के नेतृत्व वाले उच्च प्रतिनिधि मंडल के ताइवान दौरे से बौखलाया हुआ है। बीते चार दशक में पहला मौका है जब कोई अमेरिकी मंत्री ताइवान पहुंचे हैं। ताइवान रक्षा मंत्रालय के मुताबिक सुबह 9 बजे के करीब चीन के शेनयांग जे-11 और चेंगदू जे-10 लड़ाकू विमानों ने उसके हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने की कोशिश की। इन विमानों ने जैसे ही ताइवान की खाड़ी में मध्य रेखा को पार किया ताइवान ने जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलें दागीं और उसका गश्ती विमानों का एक दल इन लड़ाकू विमानों के पीछे लगा दिया गया।  हमले को भांपते हुए चीनी लड़ाकू विमान तुरंत लौट गए।

 

गौरतलब है कि चीन लगातार ताइवान को अपनी ताकत दिखाने की फिराक में है और 2016 से अब तक कई बार इस तरह का दुस्साहस कर चुका है। चीन इस बार रविवार को ताइपे पहुंचे एलेक्स आजार के दौरे से नाखुश है। चीन दरअसल ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और वहां किसी भी अंतरराष्ट्रीय नेताओं के जाने से तिलमिला जाता है। 1979 के बाद यह पहला मौका है जब अमेरिकी उच्च प्रतिनिधिमंडल ताइवान पहुंचा है। ताइवान के मंत्रियों के मुताबिक अमेरिकी स्वास्थ्य मंत्री एलेक्स अजार ने ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन से मुलाकात की।

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अजार ने कहा, राष्ट्रपति ट्रंप ताइवान के साथ सहयोग बढ़ाना चाहते हैं। इसके लिए कोरोना वायरस के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय लड़ाई में ताइवान की भूमिका का समर्थन करने के लिए ही अजार ताइपे पहुंचे हैं। अजार की यात्रा 2018 में पास हुए ताइवान यात्रा अधिनियम की देन है। जिसके तहत अमेरिका को उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंड को ताइवान भेजने की मंजूरी मिली थी।

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