भारत को धमका रहा चीनी मीडिया-"गलतफहमी में न रहे, झुकेंगे नहीं"

Edited By Tanuja,Updated: 06 Jun, 2020 06:07 PM

chinese media largely quiet on standoff

लद्दाख सीमा विवाद को लेकर भारत-चीन के बीच तनाव के चलते लिए जहां चीनी और भारतीय सेना के अफसर आमने-सामने बातचीत कर मामला सुलझाने ...

बीजिंगः लद्दाख सीमा विवाद को लेकर भारत-चीन के बीच तनाव के चलते लिए जहां चीनी और भारतीय सेना के अफसर आमने-सामने बातचीत कर मामला सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं वहीं चीन का मीडिया धमकियां देने से बाज नहीं आ रहा है। चीन सरकार क का मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स भारत के खिलाफ अनाप-शनाप लिख कर उकसाने का प्रयास कर रहा है। चीन सरकार के मुखपत्र ने दोनों देशों के सैनिकों के बीच चल रही मुलाकात पर कटाक्ष करते हुए लिखा कि बैठक से बेशक दोनों देशों में तनाव के कम होने की उम्मीद है, लेकिन हम सीमा मुद्दे पर नहीं झुकेंगे। यह मीटिंग शनिवार को लद्दाख में हुई है जिसके बारे में सेना की ओर से आधिकारिक बयान आना बाकी है। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि भारत को सीमा के पास अपने 'भड़काऊ गतिविधियों' को तुरंत रोक देना चाहिए।

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इसके अलावा उन्हें चीन की सीमा का सम्मान करना चाहिए, अन्यथा इस गतिरोध का वास्तविक हल नहीं निकल सकेगा। अखबार ने यह भी लिखा कि भारतीय पक्ष को पश्चिमी मीडिया के लिए जानबूझकर बयानबाजी भी नहीं करनी चाहिए। आरोप लगाया कि पश्चिमी मीडिया का उद्देश्य चीन के शांतिपूर्ण समाधान के प्रस्ताव को ठुकराना है। ग्लोबल टाइम्स ने चीन के सैन्य विशेषज्ञ सॉन्ग झोंगपिंग के हवाले से कहा कि विवादित स्थल के पास भारत और चीन के सैन्य जनरलों की बातचीत में सीमा पर फिर से शांति बनाने को लेकर चर्चा की जाएगा। हालांकि उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय सेना को गलवान घाटी क्षेत्र में चीन की सीमा में किसी भी प्रकार के रक्षा निर्माण को रोक देना चाहिए।

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चीनी सेना के नजदीकी सूत्रों के आधार पर ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि चीन के बॉर्डर डिफेंस ट्रूप्स ने सीमा पर भारतीय गतिविधियों का जवाब देने के लिए सभी तरह की तैयारियों को पूरा कर लिया है। शंघाई एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज से जुड़े हुए हू झाइयोंग ने आरोप लगाया कि कोरोना वायरस के कारण पैदा हुई स्थितियों का फायदा उठाने के लिए भारत ने पहले दबाव बनाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि भारतीय पक्ष को अब यह समझना चाहिए कि सीमा विवादों को दोनों पक्षों द्वारा अच्छे विश्वास से हल किया जा सकता है।

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ग्लोबल टाइम्स ने यह भी लिखा कि चीन के प्रति विरोध की मानसिकता भारत में बढ़ रही है और इसने भारतीय नीति निर्माताओं पर दबाव डाला है। चीनी और भारतीय नेताओं ने 2018 में एक अनौपचारिक शिखर बैठक की और एक महत्वपूर्ण सहमति पर पहुंच गए थे। पिछले दो वर्षों में दोनों देशों के उच्च-रैंक के अधिकारियों के बीच लगातार संपर्क बना रहा और भारतीय नेताओं ने रणनीतिक शांति दिखाई। उम्मीद है कि इस तरह की शांति विशेषकर सीमा मुद्दे पर अग्रणी भूमिका निभाएगी।

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