श्रीलंका ने चीन के अनुसंधान पोत को हंबनटोटा बंदरगाह पर रुकने की अनुमति दी

Edited By Tanuja,Updated: 31 Jul, 2022 06:20 PM

chinese research vessel to dock at hambantota port in august

श्रीलंका ने चीन के एक अनुसंधान पोत को अगले महीने हंबनटोटा बंदरगाह पर रुकने की अनुमति दी है। सेना के एक प्रवक्ता ने रविवार को यह जानकारी...

कोलंबो: श्रीलंका ने चीन के एक अनुसंधान पोत को अगले महीने हंबनटोटा बंदरगाह पर रुकने की अनुमति दी है। सेना के एक प्रवक्ता ने रविवार को यह जानकारी दी। इससे कुछ दिन पहले भारत ने कहा था कि वह अपनी सुरक्षा और आर्थिक हितों के मद्देनजर किसी भी घटनाक्रम पर निगरानी रख रहा है। श्रीलंका के दक्षिण में स्थित हंबनटोटा अपनी स्थिति के चलते रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। यह राजपक्षे परिवार के गृहनगर में स्थित है और इसका निर्माण चीन से कर्ज लेकर किया गया है।

 

चीन के अंतरिक्ष यान को ‘ट्रैक' करने वाले पोत ‘युआन वांग 5' के हंबनटोटा बंदरगाह पर रुकने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर, श्रीलंकाई सेना के प्रवक्ता कर्नल नलिन हेराथ ने कहा कि श्रीलंका कई देशों के वाणिज्यिक और सैन्य पोतों को आने की अनुमति देता रहा है। हेराथ ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, “हमने उसी परिप्रेक्ष्य में चीनी पोत को अनुमति दी है।” युआन वांग 5, हंबनटोटा बंदरगाह पर 11-17 अगस्त तक रुक सकता है, जिसके दौरान वह हिंद महासागर क्षेत्र के उत्तर पश्चिमी हिस्से में उपग्रह नियंत्रण और अनुसंधान ‘ट्रैकिंग' करेगा।'' भारत ने कहा है कि वह अपनी सुरक्षा और आर्थिक हितों के मद्देनजर हर घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है।

 

चीनी पोत के बाबत पूछे जाने पर नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बृहस्पतिवार को कहा, “हमें अगस्त में इस पोत के हंबनटोटा बंदरगाह पहुंचने की खबर मिली है।” उन्होंने कहा, “भारत सरकार देश की सुरक्षा और आर्थिक हितों को देखते हुए हर घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं और उनकी रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी।” इस बीच, श्रीलंका की प्रमुख तमिल अल्पसंख्यक पार्टी टीएनए ने रविवार को कहा कि हिंद महासागर में चीन की उपस्थिति से भारत की सुरक्षा चिंता बढ़ जाएगी और कोलंबो को ऐसा नहीं करना चाहिए।  

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