Edited By Tanuja,Updated: 22 Jul, 2018 12:10 PM
व्यापारिक जंग में अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शिकंजे से भड़का चीन अब अमरीका को सबक सिखाने के मूड में है। एशिया में सीआईए के एक्सपर्ट के मुताबिक चीन अमरीका को दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति के रूप में नहीं देखना चाहता है।
न्यूयार्कः व्यापारिक जंग में अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शिकंजे से भड़का चीन अब अमरीका को सबक सिखाने के मूड में है। एशिया में CIA के एक्सपर्ट मुताबिक चीन अमरीका को दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति के रूप में नहीं देखना चाहता है। उन्होंने कहा कि चीन युद्ध की तरफ नहीं जाना चाहता है, लेकिन राष्ट्रपति शी चिनफिंग के नेतृत्व में वर्तमान कम्युनिस्ट सरकार कई मोर्चों पर शीत युद्धे से अमरीका को पछाड़ने की तैयारी कर रहा है। CIA के ईस्ट एशिया मिशन सेंटर के डेप्युटी असिस्टैंट डायरेक्टर मिखाइल कॉलिन्स ने कोलोराडो के आसपेन सिक्यॉरिटी फोरम में अपने भाषण के दौरान कहा, 'मेरा तर्क है कि जिस तरह वे (चीन) हमारे खिलाफ काम कर रहे हैं, उसे मूलभूत रूप से शीत युद्ध कहेंगे।
यह ऐसा शीत युद्ध नहीं है, जैसे शीत युद्ध (अमरीका और सोवियत यूनियन के बीच) हमने देखे हैं, लेकिन इसे भी शीत युद्ध के तौर पर ही परिभाषित किया जाएगा।' चीन और अमरीका के बीच टैरिफ को लेकर शुरू हुई ट्रेड वॉर अब इससे कहीं आगे बढ़ चुकी है। बीते बुधवार को FBI के डायरेक्टर क्रिस्टोफर रे ने कहा कि काउंटर इंटेलिजेंस प्रस्पेक्टिव के जरिए चीन अमरीका के सामने सबसे व्यापक और महत्वपूर्ण चुनौती पेश कर रहा है। उन्होंने कहा, 'इसकी मात्रा, प्रसरणशीलता और महत्व कुछ ऐसा है कि जिसे कम नहीं आंका जा सकता है।'
नैशनल इंटेलिजेंस डायरेक्टर डैन कोट्स ने भी चीन के बढ़ते तेवरों को लेकर चेताया है। उन्होंने कहा, बिजनैस सीक्रेट और अकैडमिक रिसर्च के मामले में अमरीका को चीन के सामने मजबूती से खड़े होने की जरूरत है। ईस्ट ऐशिया और पसिफिक मामलों के असिस्टेंट सेक्रेटरी सुसान थॉर्नटन ने कहा, 'चीन साइबर, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, इंजीनियरिंग-टेक्नॉलजी, काउंटर स्पेस, ऐंटी-सैटलाइट और हाइपरसोनिक ग्लाइड हथियारों के मामले में अमरीका से आगे बढ़ने की कगार पर है।' अमरीकन आर्मी के लेफ्टिनेंट जनरल रॉबर्ट आश्ले ने कहा, 'चीन लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल डिवेलप कर रहा है। इनमें कई सुपरसोनिक स्पीड से आगे बढ़ सकती है।'