Edited By Tanuja,Updated: 21 May, 2020 02:04 PM
क्लाइमेट चेंज की वजह से कुदरत भी अपना रंग बदल रही है और इसका असर अंटार्कटिका के बर्फीले पहाड़ों पर भी दिखाई देने लगा है। पहले ...
सिडनीः क्लाइमेट चेंज की वजह से कुदरत भी अपना रंग बदल रही है और इसका असर अंटार्कटिका के बर्फीले पहाड़ों पर भी दिखाई देने लगा है। पहले अंटार्कटिका सफेद बर्फीले पहाड़ों से घिरा नजर आता था, अब इसके पहाड़ों का रंग बदलने लग गया है। बर्फ के सफेद पहाड़ अब हरे रंग में बदल गए हैं । इस बदलाव ने पर्यारवण वैज्ञानिकों को टेंशन में डाल दिया है। अंटाकर्टिका के बर्फ के पहाड़ों की खूबसूरती देखते ही बनती है लेकिन इन पहाड़ों का सफेद से हरे रंग में बदलते जाना हैरान करने वाला है। . वैज्ञानिकों ने इसको लेकर चिंता जाहिर की है। वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसा पर्यावरण में आए बदलाव की वजह से हो रहा है। ये बदलाव इतना बड़ा है कि स्पेस से भी इसे देखा जा सकता है।
बुधवार को छपी एक रिपोर्ट में इसका खुलासा किया गया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि सफेद रंग के बर्फ के पहाड़ों का हरे रंग में बदलना शैवाल की वजह से हो सकता है। अंटार्कटिका में काफी वक्त से शैवाल मौजूद हैं। वैज्ञानिक बता रहे हैं कि शैवाल अब इतनी अधिक मात्रा में हो गए हैं कि बर्फ का रंग सफेद से बदलकर हरा होने लगा है। ब्रिटिश खोजकर्ता अर्नेस्ट शैकेलटन ने इस बारे में जानकारी दी है। यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने सेंटीनल 2 सैटेलाइट के जरिए 2 वर्षों का डाटा जमा किया है। अंटार्कटिका की सतह का विश्लेषण किया गया है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज और ब्रिटिश अंटार्कटिका सर्वे ने साथ मिलकर एक मैप बनाया है।
इस मैप में शैवाल के तेजी से बढ़ने का पता चलता है।खासकर अंटार्कटिका पेनिनसुला तट पर इसकी मात्रा ज्यादा पाई गई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिकों ने बताया है कि वो इस बात की जांच कर रहे हैं कि शैवाल कहां से बढ़ रहे हैं और क्या भविष्य में ये और ज्यादा तेजी से बढ़ सकते हैं।शैवाल की खासियत होती है कि वो वातावरण से कार्बन डाइक्साइड को सोख लेते हैं और वैज्ञानिक का मानना है कि इस इलाके में कार्बन का उत्सर्जन बढ़ने से पहाड़ों का रंग बदल रहा है। उनका कहना है कि इस इलाके में यूके की पेट्रोल कारों की सफर की वजह से कार्बन का उत्सर्जन काफी बढ़ा है। ज्ञानिक सिर्फ हरे रंग की नहीं बल्कि लाल और नारंगी रंग के शैवाल पर भी रिसर्च कर रहे हैं।