Edited By Tanuja,Updated: 03 May, 2018 11:26 AM
परमाणु डील के मुद्दे पर फिलहाल पूरा विश्व ही बंटा हुआ दिखाई दे रहा है। एक तरफ जहां इस मुद्दे पर इसराईल और सऊदी अरब ट्रंप के फैसले को सही ठहरा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ फ्रांस, जर्मनी और रूस ने इसको लेकर ट्रंप की आलोचना की है...
वॉशिंगटनः परमाणु डील के मुद्दे पर फिलहाल पूरा विश्व ही बंटा हुआ दिखाई दे रहा है। एक तरफ जहां इस मुद्दे पर इसराईल और सऊदी अरब ट्रंप के फैसले को सही ठहरा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ फ्रांस, जर्मनी और रूस ने इसको लेकर ट्रंप की आलोचना की है। अब सवाल उठता है कि आखिर अमरीका चाहता क्या है ? दरअसल परमाणु डील पर फैसला लेने के लिए अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 12 मई का दिन चुना है। वहीं 14 मई को अमरीका यरुशलम में अपना दूतावास भी शिफ्ट करने वाला है। यह बातें कहीं न कहीं एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि परमाणु डील की धमकी के पीछे अमरीका कुछ और ही इरादा है और वह इसका डर दिखाकर क्षेत्र में अपने हथियारों की सप्लाई को बढ़ाना चाहता है।
इस मुद्दे पर ईरान और अमरीका के बीच तीखी बयानबाजी चल रही है और इसराईल दोनों देशों को भड़काने का काम कर रहा है। हालांकि परमाणु डील के मुद्दे पर जिन देशों ने ईरान से समझौता किया था उनमें इसराईल शामिल नहीं है लेकिन दशकों से ईरान के साथ खराब संबंधों के चलते वे इस मामले में आग में घी डालने का काम कर रहा है। इसराईल के राष्ट्रपति बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान पर आरोप लगाया है कि उसने परमाणु डील की आड़ में अपना परमाणु कार्यक्रम जारी रखा। ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े दस्तावेज अमरीका के साथ साझा किए गए हैं। इसकी जानकारी खुद नेतन्याहू ने टीवी पर एक कार्यक्रम में दी है।
दरअसल, नेतन्याहू ने टीवी चैनल प्रसारण में कहा कि इजरायली खुफिया एजेंसियों ने ईरान के गुप्त परमाणु भंडार से संबंधित 55,000 पेज के दस्तावेज और 183 सीडी हासिल किए हैं। उन्होंने कहा कि ईरान ने परमाणु कार्यक्रम कभी नहीं चलाने की बात कह कर झूठ बोला। परमाणु समझौते के बाद भी उसने फोरदो परमाणु परीक्षण स्थल पर भविष्य के लिए परमाणु हथियार संरक्षित रखे और उनका विस्तार किया। इस प्रसारण के बाद अमरीका ने भी अपना बयान जारी करने में कोई देर नहीं की और व्हाइट हाउस की तरफ से कहा गया कि ट्रंप ने परमाणु डील का विकल्प खुला रखा है वो 12 मई या उससे पहले इस पर फैसला ले लेंगे।
व्हाइट हाउस से जारी बयान में कहा गया है कि नेतन्याहू की सूचना दमदार है। इससे ईरान के परमाणु हथियार वाली मिसाइल विकसित करने का पता चलता है। गौरतलब है कि ईरान ने प्रतिबंधों से राहत पाने के लिए 2015 में अमरीका और पांच अन्य शक्तियों के साथ परमाणु समझौता किया था। समझौते के तहत ईरान ने परमाणु कार्यक्रम बंद करने पर सहमति जताई थी। ट्रंप ने ओबामा प्रशासन के दौरान हुए इस समझौते को खराब बता कर इससे अलग होने की धमकी दी है। आपको बता दें कि यह समझौता ओबामा प्रशासन के दौरान किया गया था और उस दौर में हुए कई फैसलों को ट्रंप पलट चुके हैं।