नई रिपोर्ट में खुलासाः चीन ने छुपाया कोरोना का सच, जानबूझकर मरने दिए हेल्थ वर्कर्स

Edited By Tanuja,Updated: 21 Mar, 2021 12:49 PM

corona virus china deliberately sacrificed lives of health workers

पूरी दुनिया कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर चीन पर उंगली उठा रही है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तो इसे चीनी ...

इंटरनेशनल डेस्कः पूरी दुनिया कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर चीन पर उंगली उठा रही है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तो इसे चीनी वायरस तक करार दे चुके हैं लेकिन अब तक कोई ठोस सबूत सामने नहीं आए हैं ।  अब एक नई रिपोर्ट में  चीन को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने कोरोना वायरस का सच छुपाने के लिए अपने हेल्थ वर्कर्स  को कुर्बान कर दिया और  जानबूझकर उनको मरने के लिए छोड़ दिया।

 

एनी स्पॉरो ने फॉरेन पॉलिसी में लिखा है कि चीनी अधिकारियों ने जानबूझकर अपने झूठ को कायम रखने के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की बलि दे दी। फॉरेन पॉलिसी के लिए लिखने वाली  एनी स्पैरो ने अपनी रिपोर्ट में बताया  कि डॉक्टरों को चुप कराने के चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) ने न केवल महामारी को हवा दी बल्कि इस खतरनाक महामारी को पहचाने के लिए दुनिया को भी गुमराह किया। हालांकि चीन के इस कवर-अप  यानि कोरोना को छिपाने का कारण स्पष्ट नहीं है मगर अनुमान लगाया जाता है कि चीन नहीं चाहता था कि उसके  राजनीतिक  कार्यक्रम रद्द हों  और जनता तनाव में आ जाए।

 

रिपोर्ट के अनुसार चीनी अधिकारियों ने कोरोना महामारी के प्रकोप के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को सूचित करने के बजाय, सूचनाओं को सेंसर किया, मामलों को दबाया-छिपाया और उन डॉक्टरों को चुप कराया जो अपने साथियों को इस वायरस के बारे में आगाह करना चाहते थे। यहां तक कि महामारी पर नियंत्रण के लिए अस्पताल के अधिकारियों ने मास्क और PPE किट को भी अनिवार्य करने से इनकार कर दिया। फॉरेन पॉलिसी के लिखने वाली एनी स्पॉरो की रिपोर्ट मुताबिक, कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बावजूद अस्पताल के अधिकारियों ने यह मानने से इनकार कर दिया कि मनुष्यों में वायरस का प्रसार संभव था या फिर उनके स्टाफ भी कोरोना से संक्रमित थे। एनी स्पॉरो ने लिखा कि कोरोना वयारस के ट्रांसमिशन की गुत्थी देरी से समझने की वजह से चीन में काफी संख्या में हेल्थ वर्कर्स की जान चली गई। हजारों लोग चीन में मरे और फिर बाद में यह महामारी पूरी दुनिया में फैल गई।

 

27 दिसंबर 2019 तक वुहान के अधिकारियों को पता चल गया था कि वायरस का खतरा गंभीर है।  बाजार में कई रोगियों की पहचान की गई थी और कम से कम एक हेल्थ वर्कर संक्रमित था। हालांकि डॉक्टरों ने इस खतरे को समझा और दूसरों को चेतावनी देने की कोशिश की लेकिन चीनी अधिकारियों ने ऐसा करने से पहले उन्हें रोक दिया। कोरोना के पैटर्न को समझने की बजाय चीनी अधिकारी डॉक्टरों को धमकाया और सूचनाओं को फैलने से रोका। जब चीन ने औपचारिक रूप से महामारी के प्रकोप को स्वीकार किया तो अधिकारियों ने WHO को बताया कि उन्हें पता नहीं था कि इसका क्या कारण है।

 

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