Edited By Anil dev,Updated: 30 Jul, 2020 10:32 AM
कोरोना वायरस महामारी के कारण पिछले 7 महीनों ने ये पूरी दुनिया अस्त-व्यस्त है। दुनियाभर के लोगों की नींद हराम हो चुकी है। ऐसे में हर कोई इस जानलेवा बीमारी से बचाव के बारे में ही सोच रही है। तमाम देश इस खतरनाक वायरस से लडऩे के लिए अपने-अपने स्तर पर...
मास्को: कोरोना वायरस महामारी के कारण पिछले 7 महीनों ने ये पूरी दुनिया अस्त-व्यस्त है। दुनियाभर के लोगों की नींद हराम हो चुकी है। ऐसे में हर कोई इस जानलेवा बीमारी से बचाव के बारे में ही सोच रही है। तमाम देश इस खतरनाक वायरस से लडऩे के लिए अपने-अपने स्तर पर सफल-असफल कोशिश कर रहे हैं। इस बीच रूस से खुशखबरी आई है।
वहां के वैज्ञानिकों का दावा है कि रूस अगस्त के मध्य तक दुनिया की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन को मंजूरी दे सकता है यानी अगले 2 हफ्तों में रूस कोरोना वायरस की वैक्सीन बाजार में लाएगा। रूसी अधिकारियों और वैज्ञानिकों ने सी.एन.एन. चैनल को बताया कि वे वैक्सीन की मंजूरी के लिए 10 अगस्त या उससे पहले की तारीख पर काम कर रहे हैं। इस वैक्सीन को मास्को स्थित गामालेया इंस्टीच्यूट में बनाया गया है। वैज्ञानिकों का दावा है कि वे इस वैक्सीन को आम जनता के उपयोग के लिए 10 अगस्त तक मंजूरी दिलवा लेंगे, लेकिन यह सबसे पहले फ्रंटलाइन हैल्थ वर्कर्स को दी जाएगी।
अधूरे ह्यूमन ट्रायल पर उठेे सवाल
रूस ने अभी तक वैक्सीन के ट्रायल का कोई डाटा जारी नहीं किया है। इस वजह से इसकी प्रभावशीलता के बारे में टिप्पणी नहीं की जा सकती है। कुछ लोग इस बात की आलोचना भी कर रहे हैं कि वैक्सीन जल्द बाजार में लाने के लिए राजनीतिक दबाव है। इसके अलावा वैक्सीन के अधूरे ह्यूमन ट्रायल पर भी सवाल उठ रहे हैं।