डॉ. फॉसी ने फिर कहा: प्रयोगशाला में बनाई बीमारी हो सकती है कोरोना महामारी

Edited By Tanuja,Updated: 20 Jun, 2021 03:56 PM

covid 19 could be  engineered virus  says fauci

कोरोना वायरस आज भी पहेली बनी हुई है। वायरस की उत्पति और प्रसार को लेकर चीन पूरी दुनिया के निशाने पर है। अमेरिका ने तो ...

इंटरनेशनल डेस्कः कोरोना वायरस आज भी पहेली बनी हुई है। वायरस की उत्पति और प्रसार को लेकर चीन पूरी दुनिया के निशाने पर है। अमेरिका ने तो महामारी संकट के लिए सीधे तौर पर चीन को जिम्मेदार माना है और और जांच में दुनिया से सहयोग मांगा है। अमेरिकी वायरस विशेषज्ञ और राष्ट्रपति जो बाइडेन के शीर्ष स्वास्थ्य सलाहकार डॉ. एंथनी फॉसी पहले भी कह चुके हैं कि  यह स्वीकार नहीं किया जा सकता कि कोरोना एक प्राकृतिक बीमारी है।

 

इस बीच चीन ने भी अमेरिका पर उंगली उठा दी है। लेकिन अब पिछले कुछ समय से अपने ई-मेल को लेकर सुर्खियों में बने अमेरिका के महामारी विशेषज्ञ  डॉ. एंथनी फॉसी ने कहा है कि कोरोना प्रयोगशाला में बनाई गई बीमारी हो सकती है। पिछले साल फरवरी में खुद वैज्ञानिकों ने भी यह बात स्वीकारी थी। डॉ. फॉसी का कहना है  वह शुरू से ही कोरोना वायरस के प्रयोगशाला लीक होने की थ्योरी को लेकर तैयार थे। उन्होंने माना कि ये संभवतः एक इंजीनियर्ड वायरस हो सकता है जिसका प्रयोगशाला से आकस्मिक रिसाव हो गया।

 

हालांकि लीक थ्योरी का समर्थन करने के बावजूद फॉसी का मानना है कि जानवरों के प्रसार के कारण इस महामारी की उत्पत्ति की अधिक संभावना है। एक फरवरी को वैज्ञानिकों से फोन कॉल पर हुई बातचीत का हवाला देते हुए फॉसी ने कहा कि मुझे अच्छी तरह याद है कि हमने तत्कालीन स्थिति पर सावधानीपूर्वक गौर करने का निर्णय लिया। उस कॉन्फ्रेंस कॉल पर जुड़े कई वैज्ञानिकों में से एक संक्रामक रोग विशेषज्ञ क्रिस्टन एंडरसन भी थे।

 

एंडरसन ने ही इस कॉल से एक दिन पहले फॉसी को लिखे ईमेल में कोरोना वायरस की असामान्य विशेषताओं का जिक्र किया था। उन्होंने इसके कुछ इंजीनियर्ड दिखने वाले गुणों का पता लगाने के लिए इसके सभी अनुक्रमों की करीबी पड़ताल करने की जरूरत बताई थी। एक साक्षात्कार में  डॉ. एंथनी फॉसी से जब उनसे पूछा गया कि क्या यह वायरस प्राकृतिक है तो उन्होंने कहा था  मैं इस पर भरोसा नहीं करूंगा। उन्होंने कहा कि इसकी जांच जरूरी है कि चीन की लैब में इसकी उत्पत्ति कैसे हुई?

 

बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक टीम कोरोना वायरस के तथ्यों की जांच के लिए वुहान भी गई थी, लेकिन चीन ने कुछ क्षेत्रों में जांच नहीं करने दी या फिर सभी सबूत मिटा दिए। इस जांच में डब्ल्यूएचओ के हाथ कोई ठोस सबूत नहीं लग पाया, जिसके चलते यह पुष्टि नहीं हो पाई कि कोरोना वायरस वुहान की लैब से फैला है। बाद में वॉल स्ट्रीट जनरल की खुफिया रिपोर्ट में वुहान लैब से ही कोरोना वायरस के फैलने को लेकर दावा किया गया था।

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